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एटा: थाने से गायब हुई पुरानी ईंटें, नीलामी के बजाय चोरी या बिक्री की आशंका

Pradeep Yadav
3 Min Read
एटा: थाने से गायब हुई पुरानी ईंटें, नीलामी के बजाय चोरी या बिक्री की आशंका

एटा: उत्तर प्रदेश के एटा जिले के जैथरा थाना परिसर में स्थित एक पुरानी इमारत से ईंटें गायब होने का मामला सामने आया है। यह घटना अब नगर में चर्चा का विषय बन गई है, और सवाल उठ रहे हैं कि ये ईंटें चोरी हुई हैं या फिर किसी निर्माण कार्य में पुनः उपयोग के लिए बेची गई हैं। इस पूरे मामले में प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।

थाने से गायब हुई ईंटें: चोरी या बिक्री?

थाने के पुराने मेस (किचन) को निष्प्रयोगी घोषित कर दिया गया था, और इसकी सामग्री को सरकारी नीलामी के माध्यम से बेचा जाना चाहिए था। लेकिन हैरानी की बात यह है कि न तो किसी प्रकार की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गई और न ही ईंटों के गायब होने की कोई आधिकारिक जानकारी दी गई। सूत्रों के अनुसार, पुरानी इमारत से ईंटों का गायब होना प्रशासनिक लापरवाही या किसी गैरकानूनी गतिविधि का संकेत हो सकता है।

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स्थानीय लोगों के सवाल

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मामले में सरकारी संपत्ति के दुरुपयोग की संभावना हो सकती है। यदि ईंटें बेची गई हैं, तो उनकी बिक्री का कोई आधिकारिक दस्तावेज़ क्यों नहीं है? और अगर यह चोरी हुई हैं, तो क्यों इसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई? इन सवालों का जवाब स्थानीय प्रशासन से मांगने का काम अब क्षेत्रीय लोगों ने शुरू कर दिया है।

पुलिस की भूमिका

इस घटना को लेकर पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि अगर कोई आम नागरिक सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाती है, लेकिन जब थाने में ही इस प्रकार की गतिविधियां हो रही हैं, तो किसे जवाबदेह ठहराया जाएगा? इससे यह सवाल पैदा होता है कि क्या पुलिस खुद ही अपने ही परिसर में हो रही अनियमितताओं पर ध्यान नहीं दे रही है?

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स्थानीय प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग

इस मामले पर स्थानीय लोग निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया है कि इस घटना की पूरी जांच की जाए और जो भी लोग इस मामले में दोषी पाए जाएं, उन्हें कड़ी सजा दी जाए। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि यदि ईंटें चोरी हुई हैं, तो इसकी रिपोर्ट दर्ज की जानी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

यह घटना न केवल एटा जिले की पुलिस की छवि पर सवाल उठाती है, बल्कि यह सरकारी संपत्ति के दुरुपयोग और अनियमितताओं की ओर भी इशारा करती है। यदि प्रशासन इस मामले में उचित कदम नहीं उठाता, तो इससे स्थानीय लोगों के बीच प्रशासन की निष्क्रियता और भ्रष्टाचार के प्रति निराशा बढ़ सकती है। जनता की उम्मीद है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषियों को सजा मिलेगी।

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