नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़कों पर नमाज पढ़ने पर रोक लगाने के अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि सड़कों का इस्तेमाल चलने के लिए होता है और जो लोग इस पर आपत्ति उठा रहे हैं, उन्हें हिंदुओं से अनुशासन सीखना चाहिए। योगी ने कहा कि प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में 66 करोड़ लोग आए थे, जहां कहीं भी कोई लूटपाट, आगजनी, छेड़छाड़ या किसी भी तरह की बदतमीजी नहीं हुई थी। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि महाकुंभ में लोग श्रद्धा से आए, स्नान किया और फिर बिना किसी समस्या के अपने गंतव्य की ओर बढ़ गए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा, “त्योहारों और उत्सवों के दौरान अनुशासन का पालन करना चाहिए। अगर किसी को कोई विशेष सुविधा चाहिए तो उसे धार्मिक अनुशासन का पालन करना भी सीखना चाहिए।” उनका मानना है कि सड़कों पर नमाज पढ़ने के बजाय अन्य स्थानों पर नमाज अदा की जानी चाहिए, ताकि सार्वजनिक व्यवस्था में कोई व्यवधान न आए।
बुलडोजर पर सीएम योगी का बयान
सीएम योगी से जब पूछा गया कि क्या वे ‘बुलडोजर मॉडल’ को अपनी उपलब्धियों में से एक मानते हैं, तो उन्होंने कहा, “यह कोई उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश की जरूरत थी। जो कुछ भी हमें आवश्यक लगा, हमने उसे किया। अगर कहीं भी अतिक्रमण हो, तो उसे हटाने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया जाता है।” उन्होंने यह भी कहा कि बुलडोजर के माध्यम से बुनियादी ढांचा बेहतर हो सकता है और अतिक्रमण हटाया जा सकता है, और यही हमें लोगों को सिखाना है।
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद का बयान
सीएम योगी के इस बयान पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने प्रतिक्रिया दी और कहा, “हमें अनुशासन समझ में आ गया है, और मैंने खुद भी लोगों से सड़कों पर नमाज न पढ़ने का अनुरोध किया है। लेकिन साथ ही, उन्हें दूसरों को भी अनुशासन सिखाना चाहिए, खासकर उन लोगों को जो जुलूस निकालकर यातायात को बाधित करते हैं।”
सीएम योगी ने भाजपा नेताओं द्वारा मुस्लिमों के लिए दिए गए विवादित बयान और केंद्रीय नेताओं के साथ मतभेद की चर्चाओं पर भी अपना रुख स्पष्ट किया। उन्होंने कहा, “जब 2014 में पीएम मोदी सत्ता में आए, तो उन्होंने ‘सबका साथ, सबका विकास’ की बात की और उसी आधार पर सभी के लिए कल्याणकारी योजनाएं लागू कीं। किसी के साथ जाति, धर्म या भाषा के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया गया।”
उन्होंने अपने आंकड़ों के साथ बताया कि उत्तर प्रदेश में चार करोड़ लोगों को आवास मिल चुका है, 50 करोड़ लोग आयुष्मान योजना से 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा पा रहे हैं, 80 करोड़ लोग मुफ्त राशन की सुविधा प्राप्त कर रहे हैं और लाखों घरों में मुफ्त बिजली कनेक्शन दिए गए हैं। इन योजनाओं का लाभ सबसे ज्यादा मुस्लिम समुदाय के लोगों को मिला है, और इन लाभों में किसी से धर्म नहीं पूछा गया।