आगरा। ज्योतिष ग्रहनक्षत्रों की गणना की वह पद्धति है जिसके माध्यम से विद्वान ज्योतिषी मानव जीवन पर भूत भविष्य और वर्तमान में पड़ने वाले प्रभावों के द्वारा सटीक भविष्यवाणी करते है जिसका भारत में विकास हुआ है। ज्योतिष के गूढ़ रहस्यों के बारे में जानकारी देते ज्योतिष दिशा निर्देशन केंद्र के निर्देशक पंडित नरेश कुमार अयोध्या कुंज आगरा निवासी ने हमारे सवालों के जबाब विस्तार से दिए।
प्रश्न – क्या ज्योतिष विज्ञान सत्य है ?
उत्तर – अगर ज्योतिष विज्ञान सत्य नहीं होता तो कैसे सदियों पहले से ही विद्वान ज्योतिषी आगे के कई वर्षो आगे तक की सूर्यग्रहण व चन्द्र ग्रहण के समय की सटीक भविष्यवाणी कर देते हैं अब ये निर्भर ज्योतिषी पर निर्भर करता है कि उसे इस विज्ञान का अनुभव कितना है और उसने कितना अभ्यास किया है ।
प्रश्न- क्या ज्योतिष 100% सटीक जानकारी देता है ?
उत्तर -जी 100% सटीक जानकारी देता है पर आँकलन को करने वाला अगर विद्वान है तो वह कर पाएगा ।
प्रश्न- ज्योतिष का सही अर्थ क्या है?
उत्तर- वह विद्या जिससे अंतरिक्ष में स्थित ग्रहों नक्षत्रों आदि की परस्पर दूरी, गति, परिमाण आदि के कारण मानव जीवन पर होने वाले प्रभावों का आँकलन किया जाता है और आवश्यकता अनुसार उनके प्रभावों को घटाया बड़ाया जा सके और मानव के जीवन मे आने वाली आपदाओं को कम किया जा सके और शुभअवसरों को बढ़ाया जा सके ।
प्रश्न -कुंडली में लिखा सच होता है?
उत्तर – ग्रह गढ़ना के माध्यम से ज्योतिषी जन्मकुंडली का निर्माण कर भविष्यवाणी करता है अब उसके ज्ञान पर निर्भर करता है कि ज्योतिषी की भविष्यवाणी कितनी सच होती है।
प्रश्न -ज्योतिष इतना सटीक कैसे है?
उत्तर -सभी खगोलीय भविष्यवाणियाँ सूर्य, चंद्रमा व अन्य ग्रहों नक्षत्रो की जन्म समयानुसार स्थिति के अनुसार उपस्थित योगों के अध्ययन के माध्यम से की जाती हैं ।