ज्योतिष, अग्रभारत
बुधादित्य योग, गजकेसरी योग, हंस योग, शश योग, धर्मात्मा और राज लक्षण योग में होगी नवरात्रि की शुरुआत- ज्योतिषाचार्य पंडित राहुल भारद्वाज
आचार्य राहुल भारद्वाज जी ने बताया कि चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से 30 मार्च तक रहेगी। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत शुभ संयोग में हो रही है। इस दिन गजकेसरी योग, बुधादित्य योग, हंस योग, शश योग, धर्मात्मा और राज लक्षण योग बन रहें हैं। भक्तों के लिए रहेगा बेहद खास इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च से हो रही है। इन 9 दिनों में मां के 9 स्वरूपों यानी कि शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन कलश की स्थापना की जाती है। इसके बाद 9 दिनों तक उस कलश का पूजन किया जाता है। व विद्वान् ब्राह्मणों के द्वारा दुर्गा सप्तशती का पाठ कराया जाता है। नवरात्रि 2023 की अष्टमी और नवमी को छोटी कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप मानते हुए कन्या भोज कराया जाता है और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। इस बार चैत्र नवरात्रि पर कई तरह के शुभ योग बन रहे हैं, जो भक्तों के लिए शुभ फलदायी रहने वाले हैं
घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
कलश स्थापना : प्रतिपदा 22 मार्च
शुभ मुहूर्त: सुबह 6 बजकर 23 मिनट से 7 बजकर 32 तक
शुभ मुहूर्त की अवधि :1 घंटा 9 मिनट
चैत्र नवरात्रि पर बना शुभ संयोग
इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत शुभ संयोग में हो रही है। ग्रहों का ये विशेष योग 19 मार्च से बनेगा। इस दिन 5 ग्रह एक साथ मीन राशि में संयोग बनाकर गोचर कर रहे होंगे। चैत्र नवरात्रि के दिन कई शुभ योग भी रहेंगे जैसे, गजकेसरी योग, बुधादित्य योग, हंस योग, शश योग, धर्मात्मा और राज लक्षण योग इस दिन रहेंगे. ऐसे शुभ संयोगों के कारण चैत्र नवरात्रि भक्तों के लिए विशेष फलदायी रहने वाली है।
नवरात्रि के प्रारंभ के समय में उत्तर भाद्रपद नक्षत्र रहेगा। शास्त्रों में इस नक्षत्र को ज्ञान खुशी और सौभाग्य का सूचक माना गया है। ये नक्षत्र सूर्योदय से लेकर दोपहर 3:32 तक रहने वाला है। इस नक्षत्र के स्वामी शनि और राशि स्वामी गुरु है।इस नक्षत्र के प्रभाव से सभी राशियों को शुभ फल की प्राप्ति होगी ।