कैसे मनायें हरियाली तीज

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ज्योतिष-4 शुभ योग में कल मनेगी हरियाली तीज जानें घर में कैसे करें पूजन‌ ज्योतिषाचार्य पंडित राहुल भारद्वाज
आचार्य राहुल भारद्वाज ने बताया की हरियाली तीज का पावन पर्व 19 अगस्त 2023 को मनाया जाएगा। ये दिन शिव-गौरी को समर्पित है‌। इस दिन विवाहित महिलाएं व्रत रखती हैं और सोलह श्रृंगार कर भोलेनाथ और मां पार्वती की पूजा कर अपने सुहाग की लंबी आयु और परिवार की सुख समृद्धि की कामना करती है। अच्छे जीवनसाथी को पाने के लिए भी ये व्रत बहुत‌ महिलाएं करती हैं आइए जानते हैं हरियाली तीज के शुभ योग, मुहूर्त, मंत्र और घर में पूजा की सही बिधि। हरियाली तीज पर स्त्रियां घर पर पूजा करने के लिए सूर्योदय से पूर्व स्नान कर लें। हरें रंग की साड़ी, चूड़ियां पहनें और व्रत का संकल्प लें।
हरियाली तीज के शुभ योग मुहूर्त मंत्र और घर में पूजा की सही विधि।
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04:50 – सुबह 05:35

सुबह का मुहूर्त – सुबह 07:30 मिनट से 09:08

दोपहर का मुहूर्त – दोपहर 12:25 – शाम 05:28

राहुकाल – सुबह 09:31 – सुबह 11:07 (राहुकाल में पूजा न करें)
सिद्ध योग – 18 अगस्त 2023, रात 08.28 – 19 अगस्त 2023,
बुधादित्य – इस दिन सूर्य और बुध सिंह राशि में होने से बुधादित्य योग बनेगा।

त्रिग्रही योग – कन्या राशि में चंद्रमा, मंगल और शुक्र की युति से त्रिग्रही योग का निर्माण होगा।

पूजा स्थल को साफ कर गोबर से लेपन कर लें, गंगाजल छिड़कें.इस दिन बालू के भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा बनाकर पूजन करें।

शुद्ध मिट्टी या बालू से शिवलिंग, गणेश, पार्वती और उनकी सहेली की प्रतिमा बनाएं।

पूजा से पहले 16 श्रृंगार करें और फिर सबसे पहले गणपति जी का पूजा करें, उन्हें दूर्वा और समस्त पूजन सामग्री चढ़ाएं।

अब शिव जी और माता पार्वती का आवहान करें। भोलेनाथ का गंगाजल, पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें। इस मंत्र का जाप करें ऊँ उमामहेश्वराभ्यां नमः।

अब हे गौरी शंकरार्धांगी। यथा त्वं शंकर प्रिया। तथा मां कुरु कल्याणी, कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्। इस मंत्र का जाप करते हुए माता पार्वती को श्रृंगार का सामान चढ़ाएं।

शिव पार्वती को बेलपत्र, धतूरा, शमी के पत्ते जनेऊ, जटा, नारियल, सुपारी, कलश चावल, चंदन, भोग चढ़ाएं।
खीर‌ का भोग लगाएं
हरियाली तीज के दिन पूजा के समय शिव-शक्ति को चावल और दूध से बनी खीर का भोग लगाएं। वहीं पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद के रूप में इस खीर को खुद खाएं और पति को भी दें। मान्यता है कि इससे दांपत्य जीवन में मधुरता आती है और प्रेम संबंध मजबूत होंगे।

हरियाली तीज व्रत की कथा सुनें और अंत में आरती कर दें।

पूजा के बाद सुहागिनें सास, नंद या फिर घर की सुहागिन बुजुर्ग महिला को बायना देकर आशीर्वाद लें।

सुहागिनों को सुहाग की सामग्री दान करें। शुभ मुहूर्त में ही व्रत का पारण करें।

पूजा के बाद मिट्‌टी से बने शिवलिंग और पूजा में चढ़ाएं सामग्री को नदी में प्रवाहित कर दें। मिट्‌टी या बालू से बने शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद ग्रहण न करें।

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प्रभारी-दैनिक अग्रभारत समाचार पत्र (आगरा देहात)
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