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नवरात्रि में अष्टमी-नवमी का रहस्य: जानें सही तिथियाँ वैदिक ज्योतिषाचार्य से!

Sumit Garg
2 Min Read

शारदीय नवरात्रि में अष्टमी और नवमी की तिथियों को लेकर भक्तों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इस विषय में वैदिक ज्योतिषाचार्य राहुल भारद्वाज ने कहा कि कन्या पूजन के लिए सही तिथि जानना आवश्यक है, विशेषकर जब नवरात्र का एक दिन बढ़ गया हो।

राहुल भारद्वाज के अनुसार, निर्णय सिंधु के अनुसार महाष्टमी तिथि नवमी उदयकाल में ग्राह्य है। सप्तमी तिथि युक्त अष्टमी संतान वालों के लिए त्याज्य है। इस आधार पर, महाष्टमी और महानवमी व्रत 11 अक्टूबर 2024, शुक्रवार को ही किया जाएगा। उस दिन प्रातः से हवन आदि कार्य संपन्न होंगे।

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उन्होंने स्पष्ट किया कि 12 अक्टूबर 2024, शनिवार को दशमी तिथि के दौरान अष्टमी-नवमी के पारण किए जाएंगे।

कन्या पूजन की तिथियाँ

अष्टमी कन्या पूजन:

जो भक्त सप्तमी व्रत रखकर अष्टमी के दिन कन्या पूजन करते हैं, उनके लिए सप्तमी व्रत 10 अक्टूबर, गुरुवार को रहेगा, जबकि कन्या पूजन 11 अक्टूबर, शुक्रवार को अपराह्न 12:06 से पूर्व करना होगा।

नवमी कन्या पूजन:

जो भक्त अष्टमी व्रत करके नवमी के दिन कन्या पूजन करते हैं, उनके लिए अष्टमी व्रत 11 अक्टूबर, शुक्रवार का होगा, और कन्या पूजन 12 अक्टूबर, शनिवार को पूर्वाह्न 10:58 से पूर्व किया जा सकता है।

महत्वपूर्ण समय:

अष्टमी तिथि 11 अक्टूबर 2024 को दोपहर 12:06 मिनट तक रहेगी। इसके बाद नवमी तिथि 12:07 मिनट से प्रारंभ होगी। नवमी कन्या पूजन 10:58 मिनट तक किया जा सकेगा, और इसके बाद दशहरे की पूजा होगी।

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इस प्रकार, भक्तों को सही तिथि और समय का ध्यान रखते हुए पूजा एवं व्रत का आयोजन करना चाहिए, ताकि नवरात्रि का यह पर्व भक्तिपूर्ण एवं सफल हो सके।

 

वैदिक आचार्य राहुल भारद्वाज जी

 

 

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प्रभारी-दैनिक अग्रभारत समाचार पत्र (आगरा देहात)
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