हनुमान को श्रीराम का सबसे बड़ा भक्त क्यों कहा जाता है?, आइये जानते हैं

अंजनी का लाल, राम का दूत, वायु का पुत्र: हनुमान जी महागाथा।

Manisha singh
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हनुमान जी को हिंदू धर्म में श्रीराम भगवान का सबसे बड़ा भक्त माना जाता है। हनुमान जी की भक्ति और उनकी निःस्वार्थ प्रेम भावना ने उन्हें श्रीराम की अत्यंत प्रिय भक्त बना दिया है।

हनुमान जी की कथाओं और पौराणिक ग्रंथों में उनकी महिमा और भक्ति की कहानियां विस्तार से बताई गई हैं। हनुमान जी का जन्म अयोध्या में हुआ था और उनके पिता का नाम केसरी था। विशेष रूप से, हनुमान जी का जन्म श्रीराम भगवान के आदेश पर वायु देवता के रूप में हुआ था।

हनुमान जी ने अपनी बाल्यकाल में ही श्रीराम भगवान की सेवा करना शुरू कर दी थी। उन्होंने श्रीराम भगवान के लिए अनेक कठिनाइयों का सामना किया और उनकी सेवा में निःस्वार्थ भक्ति और समर्पण का उदाहरण प्रस्तुत किया। हनुमान जी की निःस्वार्थ प्रेम भावना ने उन्हें श्रीराम के आदर्श भक्त के रूप में प्रस्तुत किया।

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हनुमान जी की भक्ति और प्रेम भावना का परिणामस्वरूप, उन्होंने श्रीराम भगवान की सेवा में बहुत साहस और पराक्रम दिखाए। हनुमान जी ने श्रीराम भगवान की सेवा के लिए अनेक चुनौतियों का सामना किया, जैसे कि लंका के युद्ध में रावण के सेनापति इंद्रजीत से युद्ध करना। हनुमान जी ने अपनी अद्भुत शक्ति और ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करके रावण के वध में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

हनुमान जी की भक्ति और सेवा की कथाएं हिंदू धर्म में बहुत प्रसिद्ध हैं। उनकी कथाओं में उनकी वीरता, बुद्धिमत्ता, और निःस्वार्थ प्रेम भावना का वर्णन किया गया है। उनकी कथाओं के माध्यम से हमें यह सिखाया जाता है कि भक्ति और सेवा की शक्ति से हम भगवान के पास पहुंच सकते हैं और सुखी और समृद्ध जीवन जी सकते हैं।

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हनुमान जी को श्रीराम भगवान का सबसे बड़ा भक्त कहा जाता है क्योंकि उनकी भक्ति और सेवा में उन्होंने अपना सब कुछ समर्पित कर दिया। उनकी निःस्वार्थ प्रेम भावना ने उन्हें श्रीराम की अत्यंत प्रिय भक्त बना दिया है। हनुमान जी की कथाएं हमें भक्ति, समर्पण, और सेवा की महत्वपूर्ण सीखें देती हैं।

हनुमान जी के बारे में कुछ रोचक तथ्य:

  • हनुमान जी को अंजनी नाम की अप्सरा का पुत्र भी माना जाता है।
  • हनुमान जी को चिरंजीवी होने का वरदान प्राप्त है, यानी वे हमेशा जीवित रहेंगे।
  • हनुमान जी को शक्ति, बुद्धिमत्ता, और भक्ति का प्रतीक माना जाता है।
  • हनुमान जी को संकेत (भगवान राम का प्रतीक) का भी अवतार माना जाता है।
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हनुमान जी की भक्ति और सेवा की कहानियां हमें सिखाती हैं कि:

  • भक्ति और समर्पण से हम भगवान के पास पहुंच सकते हैं।
  • निःस्वार्थ प्रेम और सेवा से हम जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
  • साहस और पराक्रम से हम कठिन परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं।

हनुमान जी की भक्ति और सेवा की कहानियां हमें प्रेरणा देती हैं कि:

  • हम भी अपने जीवन में भक्ति, समर्पण, और सेवा का भाव रखें।
  • हम भी निःस्वार्थ प्रेम और साहस से जीवन में आगे बढ़ें।
  • हम भी हनुमान जी की तरह भगवान के प्रति समर्पित रहें।

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