वैज्ञानिक भी हैरान: ईडाणा माता मंदिर में बिना ईंधन जलती है अग्नि, पूरी होती हैं हर मुरादें!

Honey Chahar
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वैज्ञानिक भी हैरान: ईडाणा माता मंदिर में बिना ईंधन जलती है अग्नि, पूरी होती हैं हर मुरादें!

उदयपुर, राजस्थान: अरावली की सुरम्य पहाड़ियों के बीच, उदयपुर शहर से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्थित है एक ऐसा अलौकिक धाम जहाँ माँ के चमत्कारिक दरबार की महिमा भक्तों को दूर-दूर से खींच लाती है। यह स्थान ईडाणा माता मंदिर के नाम से विख्यात है, जिसे ईडाणा उदयपुर मेवल की महारानी के रूप में भी जाना जाता है। यहाँ की दास्तां न केवल चौंकाने वाली है, बल्कि यह भक्तों के अटूट विश्वास का प्रतीक भी है।

खुले दरबार में विराजित हैं माँ, लकवा रोगियों को मिलता है नया जीवन

सामान्य मंदिरों के विपरीत, ईडाणा माता का यह दरबार बिल्कुल खुले एक चौक में स्थित है। यहाँ आने वाले भक्तों की आस्था का एक प्रमुख कारण यह भी है कि यहाँ लकवा से ग्रसित रोगियों को माँ के दरबार में आकर स्वास्थ्य लाभ मिलता है। अनगिनत भक्त इस बात के साक्षी हैं कि कैसे माँ की कृपा से उन्हें या उनके अपनों को इस गंभीर बीमारी से मुक्ति मिली है, जिससे इस मंदिर की ख्याति और भी बढ़ गई है।

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हैरान कर देने वाला अग्नि स्नान: एक रहस्यमय घटना

ईडाणा माता मंदिर की सबसे अनूठी और हैरान कर देने वाली बात है यहाँ देवी माँ की प्रतिमा से हर महीने में दो से तीन बार अग्नि प्रज्ज्वलित होना। इस घटना को देवी का अग्नि स्नान कहा जाता है। इस अग्नि स्नान के दौरान, माँ को चढ़ाई गई सभी चुनरियां और धागे भस्म हो जाते हैं। इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए माँ के दरबार में भक्तों का तांता लगा रहता है।

मंदिर के पुजारी बताते हैं कि जब माँ पर अधिक भार होता है, तो वह स्वयं ज्वालादेवी का रूप धारण कर लेती हैं। यह अग्नि धीरे-धीरे विकराल रूप ले लेती है और इसकी लपटें 10 से 20 फीट तक ऊंची उठती हैं। चमत्कारिक रूप से, इस अग्नि से श्रृंगार के अलावा किसी अन्य चीज को कोई आंच तक नहीं आती। आज तक कोई भी इस बात का पता नहीं लगा पाया है कि यह अग्नि कैसे जलती है, जो इसे और भी रहस्यमय बनाता है। इसी अग्नि स्नान के कारण आज तक यहाँ माँ का मंदिर नहीं बन पाया है, क्योंकि यह मान्यता है कि कोई भी छत इस अग्नि को रोक नहीं सकती।

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मनोकामना पूर्ति और अटूट विश्वास: त्रिशूल और झूले की परंपरा

मान्यता है कि जो भी भक्त इस अग्नि के दर्शन करता है, उसकी हर इच्छा पूरी होती है। अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर भक्त यहाँ त्रिशूल चढ़ाने आते हैं। इसके अतिरिक्त, जिन दम्पत्तियों को संतान नहीं होती, वे यहाँ झूला चढ़ाने आते हैं, इस विश्वास के साथ कि माँ की कृपा से उनकी गोद भर जाएगी। यह मंदिर न केवल अपने चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह भक्तों के लिए एक ऐसा स्थान भी है जहाँ वे अपनी आशाएँ और विश्वास लेकर आते हैं, और माँ की असीम कृपा से उन्हें शांति और समाधान मिलता है।

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ईडाणा माता मंदिर, राजस्थान की आध्यात्मिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो अपने चमत्कारों और भक्तों की अटूट आस्था के लिए जाना जाता है।

 

 

 

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