Advertisement

Advertisements

सूर्य ग्रहण कल, ग्रहण काल में क्या करे क्या न करें, जानिए सूतक का नियम और समय

Dharmender Singh Malik
9 Min Read

ज्योतिष:इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण दिवाली के अगले दिन 25 अक्टूबर यानि मंगलवार को लग रहा है. दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है लेकिन इस बार सूर्य ग्रहण के कारण ये पूजा 25 अक्टूबर की जगह 26 अक्टूबर को होगी।

वहीं, भाई दूज इस बार 27 अक्टूबर को होगा. सूर्य ग्रहण का सूतक कब लगेगा और इस दौरान क्या करें क्या नहीं, चलिए जान लें।

सूर्य ग्रहण का सूतक कितनी देर पहले लगता है
सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक लगने का नियम है। सूतक काल लगने के साथ कुछ नियमों का पालन जरूरी होता होता है. गर्भवती महिलाओं को भी इस दिन खास सतर्कता बरती चाहिए।

इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर यानी मंगलवार को लगेगा. दीपावली के दूसरे ही दिन लगने वाले सूर्य ग्रहण को लेकर लोगों के दिमाग में कई सवाल हैं. जैसे सूर्य ग्रहण के समय खाना चाहिए की नहीं, गर्भवती महिला को देखना चाहिए की नहीं आदि. ऐसे में हम यहां पर कुछ ऐसे सवाल के जवाब लेकर आए हैं जिसके बारे में आप लोगों को जानना बहुत जरूरी है. इस लेख में हम आपको बताएंगे की क्या चीज ग्रहण के दिन करनी चाहिए क्या नहीं।

भारत में कितने बजे शुरू होगा सूर्य ग्रहण ?
सूर्य ग्रहण की तिथि: 25 अक्टूबर 2022
सूर्य ग्रहण का समय (भारतीय समयानुसार) : 16:22 से 17:42 तक
सूर्य ग्रहण की समय अवधि:1 घंटे 19 मिनट

सूर्य ग्रहण सूतक ( Surya Grahan Sutak Time)
सूर्य ग्रहण इस बार दिवाली (Diwali) के अगले दिन यानी 25 अक्‍टूबर को लगने जा रहा है. ये ग्रहण भारत में दिखाई देने वाला साल का पहला सूर्य ग्रहण होगा. इसे आंशिक रूप से भारत में देखा जा सकेगा. ये सूर्य ग्रहण 4 घंटे, 3 मिनट का होगा. सूर्य ग्रहण दोपहर में 02 बजकर 29 मिनट पर लगेगा और इसका समापन शाम 06 बजकर 32 मिनट पर होगा. भारत में इसकी शुरुआत शाम को 04 बजकर 22 मिनट से होगी. लेकिन भारत में इस ग्रहण का मोक्ष नहीं देखा जा सकेगा क्योंकि सूर्य ग्रहण समाप्त होने से पहले ही सूर्यास्त हो जाएगा।

See also  10 नवंबर को धनतेरस तो वही छोटी दीपावली 11और बड़ी दीपावली 12 नवंबर को मनाई जाएंगी

सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक लगने का नियम है. चूंकि भारत में सूर्य ग्रहण की शुरुआत शाम 04:22 मिनट से होगी, ऐसे में सूतक के नियम सुबह 04:22 मिनट से लागू हो जाएंगे यानी दिवाली की अगली सुबह सूतक काल के साथ शुरू होगी. सूतक के दौरान कुछ नियमों का पालन करना जरूरी बताया गया है. यहां जानिए इन नियमों के बारे में।

इस दिन पहले ही तोड़कर रख लें तुलसी के पत्ते
24 अक्टूबर को अमावस्या है. उस दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने से ब्रह्महत्या का पाप लगता है. 23 अक्टूबर को रविवार है और रविवार को तुलसी को स्पर्श करना और पत्ते तोड़ना वर्जित होता है. मान्यता है कि रविवार के दिन तुलसी तोड़ने वाले को महापाप लगता है. इसलिए तुलसी के पत्ते 22 अक्टूबर को दिन में 12 बजे से पहले तोड़ लें क्योंकि 12 बजे के बाद पत्ते नहीं तोड़ सकेंगे।

सूतक से पहले खाने-पीने की चीज में डाल दें तुलसी के पत्ते

सूर्य ग्रहण से करीब 12 घंटे पहले सूतक शुरू हो जाता है. सूतक की शुरुआत से लेकर ग्रहण के अंत तक का समय शुभ नहीं माना जाता है. इसलिए इस दौरान पूजा आदि करना और कुछ भी खाना-पीना मना है. सूतक लगाते ही मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं. इसके अलावा सूतक शुरू होने से पहले ही खाने-पीने में तुलसी के पत्ते डाल दिए जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि जिस चीज में तुलसी का पत्ता गिरता है. वो चीज अशुद्ध नहीं होती. ग्रहण काल ​​समाप्त होने के बाद इसको फिर से उपयोग किया जा सकता है।

See also  Horoscope; राशिफल 14 सितम्बर:कैसा रहेगा आज आपका दिन

इसलिए खाने-पीने की चीजों में डालते हैं तुलसी का पत्ता
वैज्ञानिक रूप से माना जाता है कि ग्रहण के दौरान वातावरण में मौजूद किरणें नकारात्मक प्रभाव छोड़ती हैं. ऐसे समय में अगर खाने-पीने का सामान खुला रखा जाए, या इस दौरान कुछ खाया-पिया जाए तो इन किरणों का नकारात्मक प्रभाव उस चीज तक पहुंच जाता है. इसका नकारात्मक असर हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है. तुलसी के पत्तों में पारा मौजूद होता है. पारा में किसी प्रकार की किरणों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. मान्यता है कि ग्रहण के समय आकाश और ब्रह्मांड से आने वाली नकारात्मक ऊर्जा तुलसी के पास आते ही निष्क्रिय हो जाती है. इससे तुलसी के पत्ते जो भी चीजें डालते हैं, वे चीजें वातावरण में मौजूद किरणों के नकारात्मक प्रभाव से बच जाती हैं. इसलिए उन चीजों को शुद्ध माना जाता है।

इन नियमों का करें पालन

गर्भवती महिलाएं सूतक में कुछ भी काटने का काम न करें और अपने गर्भ पर गाय के गोबर का टिका लगा लें. इस दिन इन्हें गर्भ को सुरक्षित रखने के लिए ध्यान रखना चाहिए. अगर खुद के बराबर का कुश मिल जाए तो उसे अपनी लंबाई से नाप कर एक कोने में खड़ा कर दें. ग्रहण के बाद कुश को किसी पेड़ के नीचे रख दें. इससे गर्भ की रक्षा होगी।

सूतक काल में भोजन नहीं बनाया जाता और न ही खाया जाता है. इसे दूषित काल माना जाता है. हालांकि बीमार, वृद्ध और गर्भवती महिलाओं के लिए इस तरह के नियम लागू नहीं हैं।

जो भोजन पहले से बना रखा है, उनमें सूतक काल शुरू होने से पहले ही तुलसी का पत्‍ता तोड़कर डाल दें. दूध और इससे बनी चीजों, पानी में भी तुलसी का पत्‍ता डालें. तुलसी के पत्ते के कारण दूषित वातावरण का का असर खाने की चीजों पर नहीं होता।

See also  04 अक्टूबर, 2023 का राशिफल

सूतक लगने के साथ गर्भवती महिलाएं विशेष रूप से खुद का खयाल रखें. सूतक काल से लेकर ग्रहण पूरा होने तक घर से न निकलें. अपने पेट के हिस्‍से पर गेरू लगाएं।

सूतक काल से ग्रहण काल समाप्‍त होने तक गर्भवती स्त्रियां चाकू, कैंची आदि किसी भी नुकीली चीज का इस्‍तेमाल न करें. न ही सिलाई-कढ़ाई करें।

ग्रहण को खुली आंखों से ग्रहण न देखें, यदि देखना ही है तो एक्सरे की मदद ले सकते हैं. इसके अलावा घर के मंदिर में भी पूजा पाठ न करें. मानसिक जाप कर सकते हैं. मानसिक जाप काफी फलदायी माना जाता है।

सूतक के दौरान प्रभु का नाम लें और भजन करें. सूतक लगने से पहले और सूतक खत्म होने के बाद स्नान जरूर करें।

सूतक खत्म होने के बाद स्नान कर अन्न और वस्त्र का दान उत्तम माना गया है।

ध्यान रहें की सूतक के दौरान मंदिर में भगवान को पर्दा डालकर रखें और उन्हें स्पर्श न करें।

25 को नहीं होगी गोवर्धन पूजा
दिवाली के ठीक अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है. लेकिन सुबह से सूतक के नियम लागू होने के कारण पूजा पाठ नहीं किया जा सकता. शास्‍त्रों में सूतक के दौरान पूजा-पाठ से संबंधित कार्य करने की मनाही है. इस बीच मंदिर के कपाट बंद रहते हैं. इसलिए गोवर्धन पूजा 26 अक्‍टूबर बुधवार के दिन की जाएगी।

Advertisements

See also  10 नवंबर को धनतेरस तो वही छोटी दीपावली 11और बड़ी दीपावली 12 नवंबर को मनाई जाएंगी
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement