नई दिल्ली: वैदिक ज्योतिषाचार्य राहुल भारद्वाज ने जानकारी दी है कि 12 अक्टूबर को आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि यानी दशहरा पर अद्भुत संयोग बन रहे हैं। इस दिन भगवान श्रीराम की पूजा करने से साधकों को सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति और शत्रु भय से मुक्ति मिलेगी।
दशहरा का महत्व
आचार्य भारद्वाज ने बताया कि यह पर्व हर वर्ष भगवान श्रीराम के रावण पर विजय के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। दशहरा पर शस्त्र पूजा भी की जाती है, जो विजय और साहस का प्रतीक है। इस वर्ष, दशहरा पर विशेष रूप से रवि योग और अन्य शुभ योग बन रहे हैं, जो साधकों की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में सहायक होंगे।
दशहरा शुभ मुहूर्त
दशमी तिथि 12 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 59 मिनट से शुरू होगी और 13 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन पूजा का समय दोपहर 01 बजकर 17 मिनट से लेकर 03 बजकर 35 मिनट तक है। इस दौरान विजय मुहूर्त 02 बजकर 03 मिनट से लेकर 02 बजकर 49 मिनट तक रहेगा।
विशेष योगों का महत्व
रवि योग
इस दिन रवि योग का निर्माण होगा, जो दिनभर रहेगा। इस योग में श्रवण नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है, जिससे आरोग्य और मानसिक शांति मिलेगी।
सर्वार्थ सिद्धि योग
सुबह 06 बजकर 20 मिनट से प्रारंभ होकर 13 अक्टूबर को 04 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। इस योग में भगवान श्रीराम की पूजा करने से सभी शुभ कार्यों में सफलता मिलेगी।
तैतिल करण का योग
इस शुभ अवसर पर तैतिल करण का योग भी बन रहा है, जो विशेषकर धन लाभ और समृद्धि का संकेत देता है।
इस दशहरे, श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान श्रीराम की पूजा करें और इन अद्भुत संयोगों का लाभ उठाएं। यह अवसर आपके जीवन में सुख और समृद्धि लेकर आएगा!