वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को मनाई जाएगी। इस दिन दो शुभ योग बन रहे हैं, जिनमें वैधृति योग और स्वाति-विशाखा नक्षत्र शामिल हैं। इन योगों में पूजा करने से दोगुना फल प्राप्त होता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित राहुल भारद्वाज जी के अनुसार, 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट से चतुर्थी तिथि आरंभ हो रही है। जो अगले दिन यानी 19 सितंबर को 1 बजकर 42 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। इसलिए उदयातिथि को आधार मानकर गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को मनाई जाएगी।
गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। इस दिन घर में भगवान गणेश जी की मूर्ति स्थापित की जाती है और विधि-विधान से पूजा की जाती है। मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन सच्चे मन से भगवान गणेश जी की पूजा करता है, उसके जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।
गणेश चतुर्थी के शुभ मुहूर्त
- गणेश प्रतिमा स्थापना का शुभ मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 7 मिनट से दोपहर 1 बजकर 34 मिनट तक
- अभिषेक का शुभ मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 7 मिनट से दोपहर 1 बजकर 34 मिनट तक
- आरती का शुभ मुहूर्त: शाम 6 बजकर 39 मिनट से रात 8 बजकर 24 मिनट तक
गणेश चतुर्थी का महत्व
- गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश जी का जन्मदिन माना जाता है।
- इस दिन भगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और कार्य सिद्ध होते हैं।
- गणेश चतुर्थी पर घर में भगवान गणेश जी की स्थापना करने से भगवान सभी विघ्न हर लेते हैं।
गणेश चतुर्थी की पूजा विधि
- गणेश चतुर्थी के दिन सबसे पहले घर की साफ-सफाई करें।
- फिर भगवान गणेश जी की मूर्ति को विधि-विधान से स्थापित करें।
- मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराएं।
- फिर मूर्ति को फूल, माला, अक्षत, रोली, कुंकुम, धूप, दीप, गंध आदि से सजाएं।
- भगवान गणेश जी की आरती करें।
- भगवान गणेश जी को मोदक, लड्डू, गुड़, पान आदि का भोग लगाएं।
- भगवान गणेश जी से अपने सभी कष्टों और परेशानियों से मुक्ति पाने की प्रार्थना करें।