शिवरात्रि हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह भगवान शिव की पूजा का त्योहार है, जिन्हें हिंदू धर्म में विनाश और पुनर्जन्म के देवता के रूप में जाना जाता है। इस दिन भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं, उन्हें जल, दूध, घी, और फूल चढ़ाते हैं, और भगवान शिव के मंत्रों का जप करते हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान शिव को धतूरा क्यों चढ़ाया जाता है?
धतूरा एक जहरीला पौधा है, लेकिन इसके कई औषधीय गुण भी हैं। यह माना जाता है कि धतूरा भगवान शिव को प्रसन्न करता है और उन्हें शांत करता है।
धतूरा चढ़ाने के पीछे कुछ प्रमुख कारण हैं:
- धतूरा भगवान शिव का प्रिय फूल है।
- धतूरा को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है।
- धतूरा में औषधीय गुण होते हैं।
- धतूरा नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में मदद करता है।
धतूरा चढ़ाने के पीछे एक पौराणिक कथा भी है:
कहा जाता है कि जब समुद्र मंथन हुआ था, तब उसमें से कई अमूल्य वस्तुएं निकली थीं, जिनमें से एक विष भी था। भगवान शिव ने इस विष को पी लिया ताकि दुनिया को बचाया जा सके। विष पीने से भगवान शिव का गला नीला हो गया। धतूरा को भगवान शिव के गले के विष को शांत करने के लिए चढ़ाया जाता है।
धतूरा चढ़ाते समय कुछ सावधानियां भी बरतनी चाहिए:
- धतूरा एक जहरीला पौधा है, इसलिए इसे छूते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
- धतूरा को भगवान शिव को चढ़ाने के बाद उसे घर में नहीं रखना चाहिए।
- धतूरा का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए।