नई दिल्ली। गुरुवार को अडानी समूह ने अपनी 4 सूचीबद्ध कंपनियों की हिस्सेदारी अमेरिकी संपत्ति प्रबंधक कंपनी जीकयूजी पार्टनर्स को 15446 करोड रुपए में बेच दी है। अडानी समूह ने अपने एक बयान में कहा कि उसने अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनामिक जोन लिमिटेड, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड। अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड और अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड के शेयर उक्त अमेरिकी कंपनी को बेचे हैं।
अडानी समूह मे जीक्यूजी विदेशी कंपनी का अडानी समूह के बुनियादी ढांचे में बड़ा निवेश हो गया है। समूह के मुख्य निवेश अधिकारी राजीव जैन के अनुसार इन कंपनियों में दीर्घकालीन विकास के लिए पर्याप्त संभावनाएं मौजूद हैं। इन कंपनियों में अमेरिका के निवेश करने से हम प्रसन्न हैं।
उल्लेखनीय है अडानी समूह की कंपनियों पर 2.21 लाख करोड़ का कर्ज है। 8 फ़ीसदी कर्ज अगले वर्ष के अंत तक चुकाना है। अडानी इंटरप्राइजेज के प्रमोटरों की हिस्सेदारी 72.6 फ़ीसदी की है। अडानी समूह की कंपनियों ने अब अपनी हिस्सेदारी विदेशी कंपनियों को बड़े पैमाने पर बेचना शुरू कर दिया है।
ईस्ट इंडिया कंपनी की याद आई
भारतीय कंपनियों में जिस तरह से विदेशी कंपनियां निवेश कर रही हैं। वह दिन दूर नहीं होगा,जब विदेशी मूल की कंपनियां ही भारतीय कंपनियों की मालिक होंगी। भारतीय कंपनियों में जिस तरीके से विदेशी निवेश के माध्यम से हिस्सेदारी को बेचा जा रहा है। उसका लाभ भारत को कम और विदेशों की कंपनियों को ज्यादा आर्थिक लाभ मिलेगा। ऐसा आर्थिक विशेषज्ञ कहने लगे हैं। सरकार ने अडानी समूह पर जो कृपा बरसाई थी सही मायने में उसका लाभ विदेशी कंपनियां अगले कई दशकों तक उठाएगी और भारत का मुनाफा अपने देश में ले जायेंगे।