नई दिल्ली: हाल ही में इनकम टैक्स दरों में कमी की घोषणा के बाद अब जीएसटी दरों में कटौती की संभावना भी बढ़ गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वयं इस बात के संकेत दिए हैं कि Goods and Services Tax (GST) दरों को युक्तिसंगत बनाने का काम अंतिम चरण में है और जल्दी ही इस बारे में निर्णय लिया जाएगा।
GST दरों में कटौती पर वित्त मंत्री का बड़ा बयान
‘द इकोनॉमिक टाइम्स अवार्ड्स’ में एक सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी दरों और स्लैब के पुनर्रचनात्मक काम का लगभग समापन हो चुका है। वह यह भी कह चुकी हैं कि जीएसटी की शुरुआत के समय, यानी जुलाई 2017 में राजस्व तटस्थ दर (आरएनआर) 15.8 प्रतिशत थी, जो अब घटकर 2023 में 11.4 प्रतिशत हो गई है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस दर में और कमी आने की संभावना है।
वित्त मंत्री ने आगे कहा, “हमने जीएसटी की दरों और स्लैब को युक्तिसंगत बनाने के लिए एक मंत्रियों के समूह (GOM) का गठन किया था। इस समूह ने बेहतरीन काम किया है और अब मैं इन सभी सुधारों की समीक्षा कर रही हूं, ताकि इसे जीएसटी काउंसिल के पास भेजा जा सके। इस प्रक्रिया में हम जल्द ही एक अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं।”
जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में निर्णय
निर्मला सीतारमण ने बताया कि जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में जीएसटी दरों में कटौती, स्लैब संरचना में बदलाव और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा, “हमारा उद्देश्य जीएसटी के दरों और स्लैबों को तर्कसंगत बनाना है, ताकि खपत में वृद्धि हो और व्यापारियों को अधिक लाभ हो सके।”
जीएसटी रेट स्लैब में बदलाव की दिशा
वर्तमान में जीएसटी के तहत चार स्लैब हैं – 5%, 12%, 18%, और 28%. इसके अतिरिक्त कुछ लग्जरी वस्तुओं और सेवाओं पर अतिरिक्त सेस भी लगाया जाता है। सरकार अब इस संरचना को सरल बनाने की दिशा में कदम उठा रही है, और जीएसटी काउंसिल में विचार किया जा रहा है कि 12% के स्लैब को समाप्त कर दिया जाए और इसमें आने वाली वस्तुओं को 5% या 18% के स्लैब में डाला जा सकता है।
यह बदलाव सरकार की कोशिश का हिस्सा है, जिसमें जीएसटी प्रणाली को अधिक युक्तिसंगत और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने के साथ-साथ खपत को बढ़ावा देने की भी योजना है।
जीएसटी स्लैब में सुधार की लंबी मांग
यह कदम लंबे समय से उठाए जा रहे एक महत्वपूर्ण सवाल का जवाब हो सकता है। व्यापारियों और अर्थशास्त्रियों की तरफ से लगातार यह मांग उठती रही है कि जीएसटी के स्लैब को चार से घटाकर तीन किया जाए। सरकार के लिए यह चुनौतीपूर्ण कदम हो सकता है, लेकिन इससे निश्चित रूप से व्यापारिक माहौल को सरल और प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी।
GST काउंसिल द्वारा किए गए सुधार
दरअसल, सितंबर 2021 में जीएसटी काउंसिल ने इस मुद्दे पर विचार करने के लिए मंत्रियों के एक समूह का गठन किया था। इस समूह का उद्देश्य जीएसटी दरों में सुधार करना और स्लैब में आवश्यक बदलाव करना था। अब जब यह काम अंतिम चरण में है, तो उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही जीएसटी दरों को घटाया जाएगा, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी।