नई दिल्ली: भारत में डिजिटल भुगतान (Digital Payment) को अधिक आसान और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 8 अक्टूबर 2025 से यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के ज़रिए किए जाने वाले भुगतान के तरीके में एक महत्त्वपूर्ण बदलाव आने वाला है। अब उपयोगकर्ताओं को हर बार 4 या 6 अंकों का यूपीआई पिन (UPI PIN) याद रखने की आवश्यकता नहीं होगी।
चेहरा और फिंगरप्रिंट से मिलेगी पेमेंट को स्वीकृति
कल, 8 अक्टूबर से, UPI उपयोगकर्ता अपने बायोमेट्रिक्स—यानी चेहरा (Face) और फिंगरप्रिंट (Fingerprint)—का उपयोग करके भी लेनदेन को स्वीकृति (Authenticate) दे सकेंगे। यह सुविधा लाखों उपयोगकर्ताओं के लिए भुगतान प्रक्रिया को तेज़ और बेहद सुविधाजनक बना देगी।
इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य उन लोगों को राहत देना है जो बार-बार यूपीआई पिन भूल जाते हैं या जिन्हें हर ट्रांजैक्शन के लिए पिन दर्ज करने में समय लगता है। यह नई सुविधा आधार आधारित बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन सिस्टम का उपयोग करेगी, जिससे सुरक्षा भी मजबूत होगी।
कैसे काम करेगा यह नया सिस्टम?
नया बायोमेट्रिक सिस्टम UPI को निम्नलिखित तरीकों से आसान बनाएगा:
तेज़ लेनदेन: अब आपको पिन दर्ज करने में लगने वाला समय बचेगा, जिससे विशेष रूप से भीड़-भाड़ वाली जगहों पर भुगतान तेज़ी से हो सकेगा।
बढ़ी हुई सुरक्षा: चेहरे या फिंगरप्रिंट के माध्यम से स्वीकृति एक अद्वितीय और व्यक्तिगत तरीका है, जिसे हैक करना या चुराना पिन की तुलना में काफी मुश्किल होता है।
पिन भूलने की चिंता खत्म: जिन लोगों को कई पिन याद रखने में परेशानी होती है, उनके लिए यह सुविधा एक बड़ी राहत है।
यह तकनीकी अपडेट भारत के डिजिटल इंडिया मिशन और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के प्रयासों का एक हिस्सा है, जो देश के भुगतान परिदृश्य को क्रांतिकारी बना रहा है।
8 अक्टूबर 2025 से लागू होने वाले इस बदलाव के साथ, उम्मीद है कि UPI का उपयोग और भी तेज़ी से बढ़ेगा और यह आम नागरिकों के लिए कैशलेस लेनदेन का सबसे पसंदीदा माध्यम बना रहेगा।