नई दिल्ली: भारतीय सर्राफा बाजार में सोने की कीमतें इन दिनों ऐतिहासिक ऊंचाई पर हैं, जिससे निवेशकों और आम खरीदारों के बीच हलचल मची हुई है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोना लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है, वहीं सर्राफा बाजार में भी इसकी कीमतें चरम पर पहुंच गई हैं। यह अभूतपूर्व तेजी इतनी तीव्र है कि अनुभवी निवेशक भी हैरान हैं। सोना, जो पारंपरिक रूप से एक स्थिर निवेश विकल्प माना जाता था, अब शेयर बाजार की तरह तेज़ी से बढ़ रहा है। इस उछाल ने सोने को एक बेहद आकर्षक निवेश विकल्प बना दिया है, लेकिन साथ ही खरीदारों के लिए चिंता का विषय भी बन गया है।
एक सप्ताह में हज़ारों रुपये की रिकॉर्ड वृद्धि
पिछले एक सप्ताह में सोने की कीमतों में जो उछाल आया है, वह वास्तव में चौंकाने वाला है। 24 कैरेट सोने की कीमत में एक सप्ताह में ही ₹3700 की बंपर वृद्धि हुई है, जिससे दिल्ली में यह ₹101830 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया है। यह वृद्धि दैनिक आधार पर लगभग ₹500 प्रति दिन के बराबर है, जो सोने के इतिहास में असामान्य है। 22 कैरेट सोने में भी ₹3400 की बढ़ोतरी देखी गई है, जो दर्शाता है कि सभी प्रकार के सोने में समान रूप से तेजी आई है। यह तेजी केवल एक या दो दिन की नहीं है, बल्कि लगातार एक सप्ताह तक बनी रही है, जिसने व्यापारियों और निवेशकों दोनों को सक्रिय कर दिया है।
महंगाई के मुख्य कारण: भू-राजनीतिक तनाव और रुपये की कमजोरी
सोने की कीमतों में इस असाधारण वृद्धि के पीछे कई महत्वपूर्ण कारक काम कर रहे हैं।
- भारतीय रुपये की कमजोरी: डॉलर के मुकाबले रुपये का कमजोर होना आयातित सोने की लागत को बढ़ा रहा है।
- पश्चिम एशिया में बढ़ता राजनीतिक तनाव: इजराइल-ईरान जैसे क्षेत्रों में बढ़ता भू-राजनीतिक तनाव वैश्विक अनिश्चितता बढ़ा रहा है। अनिश्चितता के समय में निवेशक सुरक्षित संपत्ति की तलाश करते हैं, और सोना पारंपरिक रूप से एक सुरक्षित निवेश माना जाता है, इसलिए जोखिम से बचने वाले निवेशक इसकी ओर रुख कर रहे हैं।
- वैश्विक तेल आपूर्ति में रुकावट की चिंताएं: स्ट्रेट ऑफ होर्मुज जैसे महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्गों के बंद होने का खतरा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अस्थिरता ला रहा है, जिससे सोने की मांग बढ़ रही है।
- मुद्रास्फीति और केंद्रीय बैंकों की नीतियां: वैश्विक मुद्रास्फीति की चिंताएं और केंद्रीय बैंकों की मौद्रिक नीतियों में अनिश्चितता भी सोने की मांग को बढ़ावा दे रही है।
सर्राफा बाजार की वर्तमान स्थिति और खरीदारी पैटर्न
स्थानीय सर्राफा बाजार में भी सोने की कीमतों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। 22 कैरेट सोने की कीमत ₹250 बढ़कर ₹95000 प्रति 10 ग्राम हो गई है, जबकि 24 कैरेट सोने में ₹260 की वृद्धि के साथ यह ₹99750 प्रति 10 ग्राम पहुंच गया है। यह दैनिक वृद्धि भी काफी उत्साहजनक है और दर्शाती है कि तेजी में कोई कमी नहीं आ रही है।
स्थानीय बाजार में खरीदारी का पैटर्न भी बदल गया है। आम उपभोक्ता अब छोटी मात्रा में सोना खरीद रहे हैं, जबकि निवेशक बड़ी मात्रा में खरीदारी कर रहे हैं। आगामी त्योहारी सीज़न से पहले यह तेजी व्यापारियों के लिए अच्छी खबर है, लेकिन आम ग्राहकों के लिए चुनौती भी है, जो कीमतों के कम होने की उम्मीद में अपनी खरीदारी योजनाओं को स्थगित कर रहे हैं।
पिछले एक महीने का प्रदर्शन विश्लेषण
पिछले एक महीने में सोने का प्रदर्शन वास्तव में शानदार रहा है। शुक्रवार को सोने ने ऑल टाइम हाई का रिकॉर्ड बनाकर ₹100681 प्रति 10 ग्राम का स्तर छुआ है। MCX पर अगस्त एक्सपायरी के सोने की कीमत 22 अप्रैल को ₹99358 थी, जो 15 मई को घटकर ₹90890 हो गई थी। लेकिन 15 मई के बाद से सोने में लगभग ₹10000 की वृद्धि हुई है, जो एक महीने से भी कम समय में एक अभूतपूर्व उछाल है। यह उछाल दिखाता है कि सोने में कितनी अस्थिरता हो सकती है। 15 मई से आज तक की यात्रा में सोने ने करीब 11 प्रतिशत की वृद्धि दिखाई है, जो किसी भी मानक से एक बेहतरीन रिटर्न है।
भविष्य के लिए विशेषज्ञ की राय: ₹105000 का स्तर संभव
बाजार विशेषज्ञों और सर्राफा कारोबारियों की राय के अनुसार, सोने की कीमतों में आने वाले समय में भी तेजी बनी रह सकती है। विशेषज्ञ सोनी का अनुमान है कि जून के अंत तक सोना एक लाख रुपये के स्तर पर ही ट्रेड करता रहेगा। इसके बाद हल्की गिरावट की संभावना है, लेकिन यह अस्थायी होगी। पूर्वानुमान बताते हैं कि अगस्त-सितंबर तक सोने की कीमतें ₹105000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती हैं, जो मौजूदा कीमतों से भी ₹4000-₹5000 अधिक है। यह पूर्वानुमान भू-राजनीतिक स्थिति, मुद्रास्फीति की दर और केंद्रीय बैंकों की नीतियों जैसे कई कारकों पर आधारित है।
निवेशकों के लिए सुझाव: सावधानी और रणनीति
मौजूदा स्थिति में निवेशकों के लिए सोना एक आकर्षक विकल्प है, लेकिन सावधानी की आवश्यकता है। जो लोग लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए यह एक अच्छा समय हो सकता है। हालांकि, जो लोग तुरंत मुनाफा चाहते हैं, उन्हें बाजार की अस्थिरता को ध्यान में रखना चाहिए।
- SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के माध्यम से सोने में निवेश करना एक बेहतर रणनीति हो सकती है, जो कीमतों के उतार-चढ़ाव का जोखिम कम करती है।
- फिजिकल गोल्ड खरीदने के बजाय गोल्ड ETF या डिजिटल गोल्ड में निवेश करना भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है, जिससे स्टोरेज की समस्या नहीं होती और तरलता भी बेहतर होती है।
- जो लोग पहले से ही सोने में निवेश कर चुके हैं, वे अपने पोर्टफोलियो को रीबैलेंस करने पर विचार कर सकते हैं।
Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। सोने की कीमतें बाजार की स्थितियों के अनुसार तेजी से बदल सकती हैं। निवेश संबंधी कोई भी निर्णय लेने से पहले योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें। पिछला प्रदर्शन भविष्य के परिणामों की गारंटी नहीं है। लेखक या प्रकाशक किसी भी वित्तीय हानि के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।