वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स दिग्गज कंपनी फ्लिपकार्ट ने अपनी महत्वाकांक्षी क्विक कॉमर्स सर्विस ‘Flipkart Minutes’ के विस्तार को सीमित करने का रणनीतिक निर्णय लिया है। कंपनी अब इस त्वरित डिलीवरी सेवा को केवल देश के 6 से 8 बड़े महानगरों तक ही सीमित रखेगी। यह कदम कंपनी द्वारा लागत पर नियंत्रण रखने और वित्तीय दक्षता में सुधार लाने के व्यापक प्रयासों का हिस्सा है।
वर्तमान में, ‘Flipkart Minutes’ सर्विस देश के 14 प्रमुख शहरों में उपलब्ध है और इसके संचालन के लिए कंपनी के पास 300 से अधिक ‘डार्क स्टोर्स’ यानी छोटे शहरी गोदामों का एक नेटवर्क मौजूद है। फ्लिपकार्ट की योजना थी कि अक्टूबर 2025 तक इस नेटवर्क को बढ़ाकर 500 से 550 डार्क स्टोर्स तक पहुंचाया जाए। हालांकि, कंपनी के ग्रुप सीईओ कल्याण कृष्णमूर्ति ने अप्रैल माह में संकेत दिया था कि इस संख्या को साल के अंत तक 800 तक ले जाया जा सकता है, लेकिन अब कंपनी ने अपने विस्तार की गति को धीमा करने का फैसला किया है।
उद्योग जगत की रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में क्विक कॉमर्स के तहत आने वाले कुल ऑर्डरों का 90 प्रतिशत से अधिक हिस्सा केवल शीर्ष 8 शहरों से ही आता है। इन प्रमुख शहरों में दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और बेंगलुरु मुख्य रूप से शामिल हैं। यही मुख्य कारण है कि फ्लिपकार्ट अब अपना ध्यान और संसाधन इन्हीं लाभप्रद शहरों पर केंद्रित करने की रणनीति पर काम कर रही है।
आम लोगों पर इसका संभावित असर
फ्लिपकार्ट के इस फैसले का सीधा असर उन शहरों के उपभोक्ताओं पर पड़ सकता है जो इन शीर्ष 8 शहरों के बाहर रहते हैं। ‘Flipkart Minutes’ सर्विस अब केवल चुनिंदा महानगरों तक ही सीमित रहेगी, जिससे अन्य 6 शहरों के उपभोक्ताओं को इस त्वरित डिलीवरी सेवा का लाभ नहीं मिल पाएगा। इन क्षेत्रों के ग्राहकों को अब अपनी खरीदारी के लिए फ्लिपकार्ट की मानक डिलीवरी सेवाओं पर ही निर्भर रहना पड़ सकता है, जिसमें आमतौर पर अधिक समय लगता है।
फ्लिपकार्ट का यह नया दृष्टिकोण उसकी प्रतिस्पर्धी कंपनी स्विगी के क्विक कॉमर्स नजरिए से काफी मिलता-जुलता है, जो भी मुख्य रूप से बड़े शहरों पर ही ध्यान केंद्रित कर रही है। वहीं, दूसरी ओर, इटरनल ग्रुप की ब्लिंकिट पूरे उत्साह के साथ बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिश कर रही है, भले ही इसके लिए कंपनी को कुछ समय के लिए नुकसान भी उठाना पड़े।
फ्लिपकार्ट की भावी योजनाएं
एचएसबीसी सिक्योरिटीज की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, फ्लिपकार्ट की योजना अपनी बहुप्रतीक्षित ‘बिग बिलियन डेज’ सेल से पहले 500 से अधिक डार्क स्टोर्स खोलने की है। हालांकि, कंपनी पर अपने मासिक 340-350 करोड़ रुपये के भारी खर्च को कम करने का भी दबाव है। यह कदम व्यापक रूप से कंपनी के 2026 में प्रस्तावित आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की तैयारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है।
पिछले महीने ही, फ्लिपकार्ट के बोर्ड ने कंपनी के मुख्यालय को सिंगापुर से भारत स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। यह प्रक्रिया पहले से ही चल रही है और इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय बाजार पर अपनी पकड़ को और मजबूत करना है, साथ ही आईपीओ से पहले घरेलू बाजार में एक मजबूत उपस्थिति दर्ज कराना है। ‘Flipkart Minutes’ के विस्तार को सीमित करने का फैसला भी इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, ताकि कंपनी अपने संसाधनों को अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग कर सके और लाभप्रदता पर ध्यान केंद्रित कर सके।