नई दिल्ली। भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जल्द ही गिरावट देखने को मिल सकती है। खाड़ी देशों और अमेरिका से आ रही खबरों के अनुसार, कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट जारी है। खाड़ी देशों में कच्चे तेल की कीमत 70 डॉलर प्रति बैरल पर है, जबकि अमेरिकी कच्चे तेल की कीमत 66 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में खाड़ी देशों का कच्चा तेल 65 डॉलर प्रति बैरल और अमेरिकी तेल 60 डॉलर प्रति बैरल तक गिर सकता है।
कीमतों में गिरावट के कारण
- अमेरिकी टैरिफ और ड्रिल बेबी ड्रिल प्रोग्राम: अमेरिकी टैरिफ और ट्रंप के ड्रिल बेबी ड्रिल प्रोग्राम शुरू करने के बाद बाजार में कच्चे तेल की आपूर्ति में वृद्धि होने की संभावना है।
- ओपेक प्लस का आपूर्ति बढ़ाने का फैसला: खाड़ी देशों के समूह ओपेक प्लस ने टैरिफ के डर से कच्चे तेल की आपूर्ति बढ़ाने का फैसला किया है।
- अमेरिका द्वारा टैरिफ में वृद्धि: अमेरिका ने अप्रैल से कनाडा, मैक्सिको और चीन पर टैरिफ बढ़ाने का ऐलान किया है। साथ ही 2 अप्रैल से देश को रेसीप्रोकल टैरिफ लगाने का भी ऐलान किया है।
कच्चे तेल की कीमतों में कमी
- बुधवार को ब्रेंट क्रूड ऑयल 69.30 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ।
- अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड (WTI) 66.31 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ।
- खाड़ी देशों का कच्चा तेल 15 जनवरी के उच्च स्तर से अब तक करीब 16 फीसदी सस्ता हो चुका है।
पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम होने की संभावना
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से भारत को काफी राहत मिलने की उम्मीद है, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आयातक है। विशेषज्ञों का मानना है कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से रुपये की वैल्यू में इजाफा होगा और देश का इंपोर्ट बिल भी कम होगा। ऐसे में देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 3 से 5 रुपए प्रति लीटर की कटौती देखने को मिल सकती है।