भारत में सरकारी नौकरियां और बेरोजगारी, भारत की सबसे बड़ी सामाजिक समस्या

भारत में सरकारी नौकरियां और बेरोजगारी, भारत की सबसे बड़ी सामाजिक समस्या

Faizan Pathan
Faizan Pathan - Journalist
3 Min Read

सरकारी नौकरी की चाहत में युवाओ की बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है..

भारत में हर एक युवक की पहली पसंदीदा नौकरी होती है सरकारी नौकरी। सरकारी नौकरी पाने के सपने के पीछे वह सब कुछ भूल कर बस एक मनचाही सरकारी नौकरी पाने की जद्दोजहद में यह सोचना भी भूल जाते है की अगर वह इसमें सफल नही हो पाते है तो भविष्य के लिए उनकी क्या तैयारी है।

भारत एक विशाल देश है, जिसमें एक विशाल युवा आबादी है। 2023 में, भारत की जनसंख्या 1.4 अरब से अधिक थी, और इसमें से लगभग 60% लोग 25 वर्ष से कम आयु के थे। इस युवा आबादी के लिए रोजगार उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती है।

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सरकारी नौकरी भारत में रोजगार का एक बेहद अच्छा जरिया है। 2023 में, भारत सरकार के पास लगभग 42 मिलियन कर्मचारी थे। ये कर्मचारी केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और स्थानीय सरकारों में काम करते हैं।

सरकारी नौकरी की मांग काफी अधिक है, क्योंकि वे आमतौर पर अच्छी तरह से भुगतान वाली और स्थिर होती हैं। हालांकि, सरकारी नौकरियों की संख्या सीमित है, इसलिए हर साल लाखों युवा बेरोजगार रह जाते हैं।

बेरोजगारी

बेरोजगारी एक गंभीर सामाजिक समस्या है जो भारत में बढ़ती जनसंख्या के साथ साथ बढ़ रही है। 2022 में, भारत की बेरोजगारी दर 7.8% थी। यह दर 2021 में 7.1% थी।

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बेरोजगारी की समस्या युवाओं के बीच सबसे अधिक गंभीर है। 2022 में, 15-29 वर्ष की आयु के लोगों में बेरोजगारी दर 22.7% थी।

बेरोजगारी के कई कारण हैं, जिनमें शामिल हैं।

~ तेजी से बढ़ती आबादी भी एक अहम वजह है।

~ शिक्षा प्रणाली की कमियों से भी लोग अच्छी नौकरियों से वांछित रह जाते है।

~ उद्योगों में धीमी गति से विकास भी।

बेरोजगारी कई सामाजिक समस्याओं का कारण बनती है, जिनमें शामिल हैं।

~ गरीबी
~ अपराध
~ सामाजिक अशांति

सरकार बेरोजगारी को कम करने के लिए कई उपाय कर रही है, जिनमें शामिल हैं।

1.शिक्षा प्रणाली में सुधार

2. उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नीतियों को अपनाना

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3. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को बढ़ावा देना आदि इन उपायों को लागू करने के लिए सरकार को कड़े प्रयास करने होंगे।

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फैजान पठान, संवाददाता दैनिक अग्र भारत समाचार, पिछले पाँच वर्षों से भी अधिक राजनीति और सामाजिक सरोकारों पर गहन रिपोर्टिंग कर रहा हु। मेरी लेखनी समाज की सच्चाइयों को सामने लाने और जनसमस्याओं को आवाज़ देने के लिए जानी जाती है। निष्पक्ष, निर्भीक और जनहित पत्रकारिता के करता आया हु और करता रहूंगा। ( कलम से सच बोलना मेरी पहचान है। )
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