INCOME TAX और MCA DATA से GST चोरी पकड़ी जाएगी

Dharmender Singh Malik
2 Min Read

टैक्स चोरी करने वाले लोगों को पकड़ने के लिए विभाग अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से दिए गए डेटा और मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स (एमसीए) के डेटा से मैच करेगा। जिन ‎लिमिटेड लाय‎बिलिटी पार्टनर‎शिप (एलएलपी) और कंपनियों का संचालन एमसीए करती है उनकी कंपनियों की जानकारी जीएसटी विभाग के साथ शेयर की जाएगी।

बता दें कि करीब 1.3 करोड़ बिजनेस और सर्विस प्रोवाइडर्स जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड हैं। कोरोना महामारी के बाद इकॉनमी में सुधार देखने को मिला है, जिसके बाद बीते 12 महीनों में जीएसटी के तहत होने वाला मंथली टैक्स कलेक्शन 1.4 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक आईटीआर फाइल करने वालों का डेटा जीएसटी विभाग मैच करेगा और इसके बाद एमसीए द्वारा संचालित कंपनियां और एलएलपी के जीएसटी रिटर्न के साथ भी फाइनेंशियल डिटेल्स भी मिलाई जाएंगी।

See also  आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख को लेकर भ्रम , आइये जाने सही तिथि

बता दें कि ऐसा करने के पीछे का कारण उन लोगों को पकड़ना है जो जीएसटी न चुका कर टैक्स चोरी करते हैं। इसके अलावा वो लोग भी पकड़े जाएंगे जो लोग अलग-अलग ‎नियामक को अलग जानकारियां देते हैं। जिन लोगों को गलत रिटर्न फाइल करने का नोटिस मिलता है तो उन्हें इसका जबाव देना होगा।

खबरों के मुताबिक जीएसटी विभाग टैक्स डिफॉल्टर्स को पकड़ने के लिए डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी नई टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर रहा है। इसके साथ ही विभाग रजिस्ट्रेशन एप्लिकेशन की जांच भी बारीकी से कर रहा है। अगर कोई नया कारोबार शुरू कर रहा है तो विभाग रजिस्ट्रेशन के लिए ज्यादा जानकारी मांग रहा है। टैक्स चोरों पर लगाम लगाने के लिए सरकार अलग-अलग टैक्स और रेगुलेटरी डेटाबेस के जरिए करदाताओं का पूरा प्रोफाइल बना रही है ताकि अगर कोई टैक्स चोरी करता है तो वो पकड़ी जा सके।

See also  राज्यसभा कक्ष में मिली नकदी पर अब तक किसी ने दावा नहीं किया, धनखड़ ने जताया दुख
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement