म्यूचुअल फंड्स और एफआईआई को भी भारी नुकसान
नई दिल्ली। अदानी ग्रुप के शेयरों में पिछले सात दिन में आई गिरावट से निवेशकों के अरबों डॉलर डूब गए हैं। ग्रुप के मार्केट कैप में 100 अरब डॉलर से अधिक गिरावट आई है। देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी का अदानी ग्रुप की कई कंपनियों में निवेश है, लेकिन शेयरों में गिरावट से उसे 38,509 करोड़ रुपए का झटका लगा है। एलआईसी का अदानी ग्रुप की सात कंपनियों में निवेश है। इसमें से सबसे ज्यादा निवेश अडानी टोटल गैस, अदानी पोर्ट्स और अदानी एंटरप्राइजेज में है।
पिछले सात सत्रों में एलआईसी के निवेश की कीमत 38,509 करोड़ रुपए घटकर 42,759 करोड़ रुपए रह गई है। 24 जनवरी को अदानी टोटल गैस में एलआईसी की हिस्सेदारी की वैल्यू 25,484 करोड़ रुपए थी, जो अब 10,664 करोड़ रुपए रह गई है। इसी प्रकार अदानी पोर्ट्स में यह 15,029 करोड़ रुपए से घटकर 9,854 करोड़ रुपए और अदानी एंटरप्राइजेज में 16,585 करोड़ रुपए से घटकर 7,632 करोड़ रुपए रह गई है। अदानी ट्रांसमिशन में 24 जनवरी को एलआईसी के निवेश की कीमत 5,701 करोड़ रुपए रह गई है। इसी तरह अंबूजा सीमेंट्स, एसीसी और अदानी ग्रीन एनर्जी में भी एलआईसी के निवेश को चपत लगी है।
एलआईसी, म्यूचुअल फंड्स और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सात दिन में अदानी ग्रुप के शेयरों में दो लाख करोड़ रुपए से अधिक गंवाए हैं। 24 जनवरी को अदानी ग्रुप की कंपनियों में उनके निवेश की कीमत 3,98,563 करोड़ रुपए थी, जो अब 1,90,782 करोड़ रुपए रह गई है। सात दिन में इसमें 2,07,781 करोड़ रुपए यानी 52 फीसदी की गिरावट आई है। म्यूचुअल फंड्स की अडानी ग्रुप की दस लिस्टेड कंपनियों में से नौ में हिस्सेदारी है, जबकि एफआईआई की सभी दसों कंपनियों में हिस्सेदारी है।
इसी तरह म्यूचुअल फंड्स के निवेश की वैल्यू 8,282 करोड़ रुपये घटकर 16,280 करोड़ रुपए रह गई। उनका अंबूजा सीमेंट्स, अदानी पोर्ट्स, एसीसी और अदानी एंटरप्राइजेज में है। पिछले चार तिमाहियों में म्यूचुअल फंड्स ने अडानी एंटरप्राइजेज और अदानी पोर्ट्स में अपनी हिस्सेदारी कम की है। फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स को अदानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट से 1,43,991 करोड़ रुपए की चपत लगी है और अब उनके निवेश की वैल्यू 148,742 करोड़ रुपए रह गई है। पिछली चार तिमाहियों में एफआईआई ने अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी टोटल गैस और अदानी ट्रांसमिशन में अपनी हिस्सेदारी कम की है।