नई दिल्ली: वाहन निर्माता कंपनी हुंडई मोटर इंडिया को जनवरी-मार्च 2025 तिमाही में मुनाफे में गिरावट का सामना करना पड़ा है। कंपनी का शुद्ध लाभ इस अवधि में चार प्रतिशत घटकर ₹1,614 करोड़ रह गया, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह ₹1,677 करोड़ था। हुंडई ने इस गिरावट का मुख्य कारण घरेलू बाजार में घटती बिक्री को बताया है।
हालांकि, इस दौरान कंपनी की कुल आय बढ़कर ₹17,940 करोड़ हो गई, जो पिछले साल की समान अवधि में ₹17,671 करोड़ थी। कंपनी द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस तिमाही में घरेलू स्तर पर 1,53,550 यूनिट्स की बिक्री हुई, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 1,60,317 यूनिट्स थी, यानी घरेलू बिक्री में कमी आई है।
निर्यात में वृद्धि, वार्षिक लाभ में गिरावट
निर्यात के मोर्चे पर हुंडई को थोड़ी राहत मिली है। चौथी तिमाही में कंपनी का निर्यात बढ़कर 38,100 यूनिट्स हो गया, जो पिछले साल इसी तिमाही में 33,400 यूनिट्स था।
पूरे वित्त वर्ष 2024-25 की बात करें तो, कंपनी का शुद्ध लाभ 7% घटकर ₹5,640 करोड़ रह गया, जबकि एक साल पहले यह ₹6,060 करोड़ था। सालाना आय भी थोड़ी कम होकर ₹69,193 करोड़ रही, जो पिछले वर्ष ₹69,829 करोड़ थी।
आक्रामक विस्तार योजना: 26 नए मॉडल, 6 इलेक्ट्रिक गाड़ियां
इस चुनौतीपूर्ण समय के बावजूद, हुंडई ने भारत में अपनी भविष्य की रणनीति की घोषणा की है। कंपनी ने बताया कि वह वित्त वर्ष 2024-25 से लेकर 2029-30 के बीच कुल 26 नए मॉडल लॉन्च करेगी, जिनमें 6 इलेक्ट्रिक वाहन (EVs) भी शामिल होंगे। इसके अलावा, कंपनी हाइब्रिड मॉडल भी पेश करने की योजना बना रही है।
कंपनी ने अपने शेयरधारकों के लिए ₹21 प्रति शेयर डिविडेंड देने की सिफारिश भी की है।
घटती बाज़ार हिस्सेदारी और क्रेटा का प्रदर्शन
बिक्री के लिहाज़ से हुंडई मोटर अब भारत में सबसे ज्यादा कार बेचने वाली कंपनियों में चौथे स्थान पर खिसक गई है। अप्रैल 2025 में इसकी बाजार हिस्सेदारी 14.9% से घटकर 12.6% हो गई। अप्रैल में कंपनी की कुल बिक्री घटकर 44,374 यूनिट्स रही। क्रेटा को छोड़कर कंपनी के लगभग सभी मॉडलों की बिक्री में गिरावट देखी गई है। हालांकि, क्रेटा और उसका इलेक्ट्रिक वर्जन देश में सबसे ज्यादा बिकने वाली SUV बनी हुई है, जो हुंडई के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
यह दर्शाता है कि हुंडई को भारत में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और बदलती उपभोक्ता प्राथमिकताओं के बीच अपनी रणनीति को मज़बूत करने की आवश्यकता है। कंपनी की आक्रामक उत्पाद लॉन्च योजना और EV सेगमेंट पर फोकस भविष्य में उसकी स्थिति को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।