टैरिफ वॉर का असर: IMF ने घटाई भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान

Gaurangini Chaudhary
Gaurangini Chaudhary - Content writer
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टैरिफ वॉर का असर: IMF ने घटाई भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान

नई दिल्ली। वैश्विक स्तर पर जारी टैरिफ वॉर (Tariff War) और बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को झटका दिया है। आईएमएफ ने अपनी नवीनतम वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2026 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.2 फीसदी कर दिया है। इसका मुख्य कारण वैश्विक व्यापार तनाव और अनिश्चितताओं को बताया गया है। यह ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों पर जवाबी टैरिफ लगाने की बात कही है और अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध पहले से ही जारी है।

30 बेसिस पॉइंट की कटौती

आईएमएफ की रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि बढ़ते व्यापार तनाव के कारण नीतिगत अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है, जिससे वैश्विक विकास के परिदृश्य का अनुमान लगाना मुश्किल हो गया है। इसी वजह से 2025-26 के लिए भारत के विकास अनुमान को 6.2 प्रतिशत किया जा रहा है। वैश्विक संस्था ने जनवरी 2025 में जारी अपने पिछले अनुमान से 30 बेसिस पॉइंट की कटौती की है।

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रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भविष्य में भारत की स्थिति अपेक्षाकृत मजबूत रहने के कारण 2025-50 के दौरान विकास में केवल 0.7 फीसदी की मामूली गिरावट आ सकती है। गौरतलब है कि देश की आर्थिक समीक्षा में वित्त वर्ष 2026 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.3 से 6.8 फीसदी के बीच रहने का अनुमान लगाया गया था, जबकि सांख्यिकी मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2025 के लिए यह अनुमान 6.5 फीसदी रखा है।

विशेषज्ञों ने दिया सुझाव

इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए आईएमएफ ने विकास अनुमान को संशोधित किया है। इस बीच, विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि भारत को बाहरी झटकों के प्रभाव को कम करने के लिए अपनी घरेलू आर्थिक मजबूती पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उनका कहना है कि आंतरिक बाजार तंत्र को मजबूत करके और अपने व्यापारिक संबंधों में विविधता लाकर, भारत वैश्विक अनिश्चितताओं के खिलाफ खुद को बेहतर स्थिति में रख सकता है।

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आईएमएफ की यह रिपोर्ट भारत के लिए अपनी आर्थिक नीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता को दर्शाती है। आईएमएफ के आर्थिक सलाहकार पियरे-ओलिवियर गौरींचस ने कहा है कि वैश्विक आर्थिक प्रणाली एक नए दौर में प्रवेश कर रही है, जिसे पिछले आठ वर्षों से संचालित किया जा रहा है और अब इसे नए सिरे से निर्धारित किया जा रहा है।

वैश्विक विकास का अनुमान भी घटा

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने न केवल भारत बल्कि दुनिया के कई अन्य देशों के आर्थिक विकास के अनुमान को भी घटाया है। वैश्विक विकास के लिए आईएमएफ ने कहा है कि 2024 में अनुमानित 3.3 फीसदी की तुलना में वैश्विक वृद्धि दर 2025 में घटकर 2.8 फीसदी रह जाएगी, जो जनवरी में जताए गए पूर्वानुमान से 0.5 फीसदी कम है। वहीं, 2026 में यह बढ़कर 3 फीसदी हो जाएगी, लेकिन यह भी पहले के अनुमान से 0.3 फीसदी कम है।

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