दोहा/नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर “शून्य टैरिफ” (शून्य शुल्क) लगाने का ऑफर दिया है। इस बीच, उन्होंने अमेरिकी कंपनी एप्पल (Apple) की भारत में मैन्यूफैक्चरिंग को लेकर अपनी नाराजगी भी जाहिर की, और साफ तौर पर कहा कि वह नहीं चाहते कि कंपनी अपनी मैन्यूफैक्चरिंग भारत में करे। भारत और अमेरिका के बीच एक महत्वपूर्ण ट्रेड डील पर बातचीत चल रही है, और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस पर कोई समझौता हो सकता है।
ट्रंप, जो वर्तमान में मिडिल ईस्ट के दौरे पर हैं, ने यह बात कतर की राजधानी दोहा में कही। उन्होंने कहा, “भारत में कुछ बेचना काफी मुश्किल है, और वे हमें डील ऑफर कर रहे हैं, सच बताऊं तो वे हमें शून्य टैरिफ का ऑफर दे रहे हैं।” यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका ने भारत पर 26 फीसदी का टैरिफ लगाया था, हालांकि उन्होंने तमाम मुल्कों के लिए इस पर 90 दिनों की रोक लगा दी थी, और भारत को भी इसका फायदा हुआ – जहाँ भारतीय प्रोडक्ट्स पर फिलहाल 10% टैरिफ लग रहा है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट: भारत ने 60% टैरिफ लाइंस तक शून्य करने का दिया ऑफर!
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने 60% टैरिफ लाइंस तक शुल्क को शून्य करने का ऑफर दिया था। रिपोर्ट में बताया गया था कि नई दिल्ली ने सौदे के पहले चरण में 60% टैरिफ लाइनों पर शुल्क को शून्य करने की पेशकश की है, जिस पर अभी बातचीत चल रही है।
इसका मतलब है कि, भारत ने अमेरिका को इंपोर्ट किए जाने वाले लगभग 90% सामानों तक प्रीफेरेंशियल एक्सेस (preferential access) देने की पेशकश की है, जिसमें कम टैरिफ भी शामिल है। इसका सीधा अर्थ यह होगा कि अमेरिका भारत में अपना ज्यादा-से-ज्यादा सामान सस्ते दामों में बेच सकेगा, जिससे फिलहाल चीनी प्रोडक्ट्स का दबदबा कम हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, अगर अमेरिका अपने 10 प्रोडक्ट्स भारत को सप्लाई करता है, तो उसे अपने छह प्रोडक्ट्स पर शून्य टैरिफ लगेगा और बाकी प्रोडक्ट्स पर सामान्य रूप से तय समझौते के मुताबिक, शुल्क लगेंगे। भारत को उम्मीद है कि इससे ज्यादा से ज्यादा व्यापार होगा, जिससे लॉन्ग टर्म में फायदा हो सकता है।
एप्पल की भारत में मैन्यूफैक्चरिंग पर ट्रंप की नाराजगी
ट्रंप ने एप्पल की भारत में मैन्यूफैक्चरिंग को लेकर भी अपनी अप्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कंपनी से स्पष्ट रूप से कहा कि वह नहीं चाहते कि एप्पल अपनी मैन्यूफैक्चरिंग भारत में करे। यह बयान एप्पल द्वारा भारत में अपने उत्पादन को बढ़ाने की खबरों के बीच आया है, जहाँ कंपनी ने हाल के वर्षों में अपनी उत्पादन क्षमताओं का विस्तार किया है। ट्रंप का जोर ‘अमेरिका में बनाओ’ (Make in America) पर रहा है।
भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता चल रही है। ये जटिल वार्ताएं हैं। जब तक सब कुछ तय नहीं हो जाता, तब तक कुछ भी तय नहीं होता। कोई भी व्यापार सौदा परस्पर लाभकारी होना चाहिए; इसे दोनों देशों के लिए कारगर होना चाहिए। व्यापार सौदे से हमारी यही अपेक्षा होगी। जब तक ऐसा नहीं हो जाता, इस पर कोई भी निर्णय जल्दबाजी होगी।”
जयशंकर के बयान से साफ है कि हालांकि बातचीत प्रगति पर है, लेकिन अभी अंतिम समझौता होना बाकी है और कोई भी फैसला तभी लिया जाएगा जब वह दोनों देशों के लिए फायदेमंद हो।