मुंबई । दुनिया भर की कई टेक कंपनियां में कर्मचारियों की छंटनी की जा रही हैं। अब भारत की दूसरी बड़ी सॉफ्टवेयर सर्विस प्रोवाइडर इंफोसिस में भी छंटनी की खबर आ रही है। कंपनी ने इंटरनल फ्रेशर एसेसमेंट टेस्ट में फेल रहने के बाद सैकड़ों नए कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक फ्रेशर्स के लिए एक एसेसमेंट टेस्ट रखा गया था, जिसे पास न करने वाले कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है। हालांकि, कंपनी की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। अगस्त 2022 में कंपनी में शामिल हुए एक फ्रेशर ने बताया कि मैंने पिछले साल अगस्त में इंफोसिस में काम करना शुरू किया था और मुझे सेप एबीएपी स्ट्रीम के लिए ट्रेनिंग दी गई थी। मेरी टीम के 150 में से केवल 60 लोगों ने फ्रेशर एसेसमेंट परीक्षा पास किया था, बाकी हम सभी को 2 हफ्ते पहले टर्मिनेट कर दिया गया था। पिछले बैच जुलाई 2022 में ऑनबोर्ड किए गए फ्रेशर्स के 150 फ्रेशर्स में से टेस्ट में फेल होने के बाद लगभग 85 फ्रेशर्स को टर्मिनेट किया गया था।
सूत्रों के मुताबिक इंफोसिस ने इंटरनल टेस्ट में फेल होने पर 600 कर्मचारी को नौकरी से निकाल दिया है। 2 सप्ताह पहले फ्रेशर एसेसमेंट टेस्ट में फेल होने के बाद 208 फ्रेशर्स को निकाल दिया गया था। पिछले कुछ महीनों में कुल मिलाकर लगभग 600 फ्रेशर्स को फ्रेशर एसेसमेंट टेस्ट में फेल होने के बाद नौकरी से निकाला गया।
हाल ही में इंफोसिस ने अपने तीसरी तिमाही के नतीजे जारी किए थे। कंपनी ने कहा था कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उसका समेकित शुद्ध लाभ 3.2 प्रतिशत बढ़कर 5,360 करोड़ रुपए हो गया जो बाजार के अनुमान से कम है। एक साल पहले की समान तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 5,195 करोड़ रुपए रहा था।