नई दिल्ली: टाटा ट्रस्ट ने नोएल टाटा को नया चेयरमैन नियुक्त करने की घोषणा की है। यह निर्णय रतन टाटा के निधन के बाद लिया गया है, जिन्होंने टाटा ट्रस्ट की जिम्मेदारी संभाली हुई थी। नोएल टाटा, जो रतन टाटा के सौतेले भाई हैं, अब इस परोपकारी संगठन की कमान संभालेंगे।
टाटा ट्रस्ट का महत्व
टाटा ट्रस्ट, टाटा ग्रुप की परोपकारी संस्थाओं का समूह है, जिसमें 13 लाख करोड़ रुपये के राजस्व वाली टाटा ग्रुप की 66 फीसदी हिस्सेदारी है। इस ट्रस्ट के तहत सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट शामिल हैं, जो टाटा संस के 52 फीसदी हिस्सेदारी के मालिक हैं।
रतन टाटा का योगदान
पद्म विभूषण से सम्मानित रतन टाटा का बुधवार देर रात निधन हो गया। उन्होंने अपनी जीवन में टाटा ग्रुप को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। हालांकि, रतन टाटा ने अपने निधन से पहले किसी उत्तराधिकारी का चयन नहीं किया था, जिससे उनके उत्तराधिकारी का निर्णय टाटा ट्रस्ट की बैठक में लिया गया।
नोएल टाटा का नया कार्यभार
नोएल टाटा की नियुक्ति महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनके नेतृत्व में टाटा ट्रस्ट ने 2023 के कारोबारी वर्ष में लगभग 470 करोड़ रुपये का दान दिया है। इससे शेयरधारकों को यह संदेश मिला है कि संस्थापक परिवार का कोई सदस्य इस परोपकारी संगठन का नेतृत्व कर रहा है।
गवर्नेंस में बदलाव
रतन टाटा ने टाटा संस और टाटा ट्रस्ट दोनों के चेयरमैन की भूमिका निभाई, लेकिन 2022 में टाटा ग्रुप के आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन में संशोधन किया गया, जिससे एक ही व्यक्ति को दोनों पद पर रहने की अनुमति नहीं है। वर्तमान में, एन चंद्रशेखरन टाटा संस के चेयरमैन हैं, जबकि अब नोएल टाटा टाटा ट्रस्ट का नेतृत्व करेंगे।