देश का सबसे बड़ा बैंक लेने जा रहा है इस साल का सबसे बड़ा लोन, जानें क्या है पूरा मामला

Dharmender Singh Malik
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देश का सबसे बड़ा बैंक लेने जा रहा है इस साल का सबसे बड़ा लोन, जानें क्या है पूरा मामला
Indian State Bank (SBI) is set to secure a $1.25 billion (₹10,552 crore) loan for a 5-year period through its Gujarat International Finance Tech-City (GIFT City) branch. This loan aims to support general corporate activities, with major global banks involved in the syndication. Learn more about SBI’s strategic financial move and its impact.
Agra : भारतीय स्टेट बैंक (SBI), जो देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक है, इस साल का सबसे बड़ा लोन लेने की तैयारी कर रहा है। SBI ने 1.25 बिलियन डॉलर (करीब 10,552 करोड़ रुपये) का लोन लेने का निर्णय लिया है, जिसे 5 साल की अवधि में चुकाना होगा। यह लोन खासतौर पर गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (GIFTCity) शाखा के माध्यम से जुटाया जा रहा है।

SBI क्यों ले रहा है यह लोन?

SBI द्वारा लिया जा रहा यह लोन विभिन्न कॉर्पोरेट कार्यों के लिए वित्तीय सुविधाओं को जुटाने के उद्देश्य से है। बैंक के सूत्रों के मुताबिक, इस लोन की व्यवस्था सीटीबीसी बैंक, एचएसबीसी होल्डिंग्स और ताइपेई फूबोन बैंक द्वारा की जा रही है। इस पर ब्याज दर सुरक्षित ओवरनाइट फाइनेंसिंग दर (SOFR) से 92.5 आधार अंक अधिक रखी गई है।

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इसके अलावा, इस लोन को अन्य फाइनेंशियर्स के साथ सिंडिकेट किया जाएगा, जिसका मतलब है कि इस लोन की पूंजी एक साथ विभिन्न वित्तीय संस्थाओं द्वारा जुटाई जाएगी।

इस लोन का उद्देश्य क्या है?

इस लोन का मुख्य उद्देश्य बैंक को सामान्य कॉर्पोरेट कार्यों के लिए वित्तीय सुविधा उपलब्ध कराना है। इसके जरिए SBI अपने वित्तीय संसाधनों को बढ़ाने और व्यावसायिक गतिविधियों को सुचारु रूप से चलाने के लिए अतिरिक्त पूंजी जुटाएगा। यह कदम एसबीआई के लिए जरूरी है, क्योंकि बैंक अब घरेलू और विदेशी दोनों तरह के बाजारों में अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहता है।

विदेशी मुद्रा जुटाने के प्रयास

इस लोन के जरिए SBI, साथ ही कई भारतीय वित्तीय संस्थानों और कंपनियों के विदेशी मुद्रा जुटाने के प्रयासों में शामिल हो गया है। भारत में नॉन-बैंकिंग वित्त कंपनियों (NBFC) भी घरेलू नियमों के दबाव के कारण विदेशी लोन की ओर ध्यान केंद्रित कर रही हैं, जो देश की वित्तीय व्यवस्था को और मजबूत करेगा।

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SBI द्वारा पहले भी उठाए गए कदम

यह पहला मौका नहीं है जब SBI ने विदेशी लोन जुटाया हो। जुलाई 2024 में SBI ने पहले ही 750 मिलियन डॉलर का तीन साल का लोन जुटाया था। इसी तरह की वित्तीय सहायता भारतीय कंपनियों और वित्तीय संस्थानों के लिए बढ़ती जा रही है।

इसके अलावा, भारतीय एनबीएफसी ने भी हाल ही में 300 मिलियन डॉलर की सिंडिकेटेड टर्म सुविधा जुटाई है। इसके अलावा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की सिडनी ब्रांच ने 125 मिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर (81 मिलियन डॉलर) का 3 साल का लोन जुटाया है, जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा भी 750 मिलियन डॉलर का उधार जुटा रहा है।

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SBI और भारतीय वित्तीय संस्थानों के लिए एक बड़ी रणनीति

SBI का यह कदम भारतीय वित्तीय संस्थानों के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक निर्णय है, क्योंकि इस तरह के विदेशी लोन भारतीय अर्थव्यवस्था में मुद्रा की उपलब्धता और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने में मदद करते हैं। साथ ही, इन लोन के जरिए भारतीय बैंकों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में भी सहूलियत होती है।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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