दुनिया में 20 फीसदी बढ़ गई घरेलू हिंसा
लंदन । कोरोना वायरस के कहर से दुनिया बेहाल है यह घातक वायरस सिर्फ जानें ही नहीं ले रहा बल्कि अब लोगों के घरेलू जिंदगियों को भी तबाह करने लगा है। बढ़ती घरेलू हिंसा की वारदातों के कारण शादियां टूटने का जिम्मेदार भी हो गया है। संयुक्त राष्ट्र की एक संस्था के मुताबिक दुनिया भर में घरेलू हिंसा के मामलों में 20फीसदी तक की बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।
उधर ब्रिटेन के हाउस ऑफ़ कॉमंस में भी चर्चा के दौरान सामने आया है कि पहले के मुकाबले लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा की शिकायतों में 50फीसदी तक का इजाफा हो गया है। हालात ये हैं कि डोमेस्टिक वॉयलेंस के मामलों में रोजाना औसत 100 गिरफ्तारियां भी हो रहीं हैं। गार्जियन के मुताबिक हाउस ऑफ़ कॉमंस में पेश इस रिपोर्ट के मुताबिक 19 अप्रैल तक पिछले छह सप्ताह के दौरान घरेलू दुर्व्यवहार के अपराधों में कुल 4,093 गिरफ्तारियां हुईं। इस हिसाब से हर दिन ब्रिटेन में करीब 100 गिरफ्तारियां हुई हैं।
लंदन मेट्रोपॉलिटन पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, ब्रिटेन में नौ मार्च से पहले तक पिछले साल की तुलना में घरेलू हिंसा में 24 फीसदी का इजाफा हुआ है। हाउस ऑफ कमंस की गृह विभाग से संबंधित समिति ने पाया कि परमार्थ संगठन रिफ्यूजी की घरेलू हिंसा हेल्पलाइन पर 15 अप्रैल के बाद उससे पहले के औसत की तुलना में 49 फीसदी अधिक कॉल आईं।
समिति की अध्यक्ष येवेट कूपर ने कहा, ‘कोरोना वायरस को फैलने से रोकने और जिंदगियां बचाने के लिए घरों में रहना महत्वपूर्ण है लेकिन कुछ लोगों के लिए घर सुरक्षित नहीं है। पीड़ितों को बचाने के लिए तथा गुनहगारों को घरेलू हिंसा करने के लिए लॉकडाउन का फायदा उठाने से रोकने के लिए तत्काल कदम की जरुरत है।’ सुरक्षा विभाग के प्रमुख कमांडर सू विलियम्स ने बताया कि यह हालात तब पैदा हुए जब कोरोना वायरस के बचाव के लिए ब्रिटेन में लॉकडाउन चल रहा है। स्कॉटलैंड यार्ड ने कहा कि घरेलू हिंसा से संबंधित दो हत्याएं भी दर्ज की हैं।
संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूएन पॉपुलेशन फंड (यूएनएफपीए) ने एक रिपोर्ट में कहा है कि दुनिया भर के देशों में लॉकडाउन के चलते घरेलू हिंसा के मामले बेतहाशा बढ़ रहे हैं। फंड एक्जिक्यूटिव नतालिया कानेम के मुताबिक ये मामले 20फीसदी तक बढ़ गए हैं और ये बढ़कर 15 मिलियन तक हो सकते हैं। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च में भी सामने आया है कि बीते 3 महीनों में लॉक डाउन के दौरान ये हिंसा तेजी से बढ़ी है और महिलाओं और बच्चों के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकती है।
इस साल के अंत तक दुनिया भर से घरेलू हिंसा के 1.5 करोड़ मामले सामने आ सकते हैं। ज्ञात हो कि ब्रिटिश सांसदों की एक प्रभावशाली संसदीय समिति ने कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा में बेतहाशा इजाफा के मद्देनजर सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। लेबर पार्टी की सांसद ने कहा, ‘घरेलू हिंसा में वृद्धि पहले से चिंता के संकेत है। हमारी सर्वदलीय समिति सरकार से कोविड-19 के खिलाफ संघर्ष के समेकित अंग के तहत घरेलू हिंसा से निपटने के लिए व्यावहारिक कदम के वास्ते तत्काल कार्ययोजना की मांग कर रही है।’
समिति ने लॉकडाउन और उसके बाद भी घरेलू हिंसा पर समग्र सरकारी रणनीति की मांग की। हाल ही में ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने ‘यू आर नॉट एलोन’ हैशटैग से एक जन अभियान शुरू किया था और लोगों से घरेलू हिंसा के विरूद्ध आवाज उठाने की अपील की थी।