आगरा की सदर तहसील पर बुधवार रात हाई वॉल्टेज ड्रामा हुआ। एक लेखपाल पर 10 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगा है। आरोपी लेखपाल रात में ही अपनी गाड़ी तहसील में छोडकऱ भाग गया। उसे पुलिस क्रेन से खिंचवाकर अपने साथ थाने ले आई है। फरेंसिक टीम और अधिकारियों की निगरानी में गाड़ी को खोला जाएगा। आरोपी लेखपाल संघ का पूर्व अध्यक्ष रह चुका है। उसने रिश्वत लेने की बात गलत बताई है। गाड़ी में रुपये अपने बेटे के बताए हैं। फिलहाल मामले की जांच जारी है।
क्या है मामला?
बमरौली कटारा के रहने वाले उमेश राणा उर्फ उमेश यादव का कहना है कि लेखपाल भीमसेन ने खतौनी में नाम संशोधन करने के एवज में 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। ये डील आगरा के एक होटल में हुई थी। 10 लाख रुपये की रकम उसने 2 हिस्सों में अपनी गाड़ी में रखी थी। उमेश ने पुलिस को बताया कि 5 लाख रुपये उसने गाड़ी के डैशबोर्ड में और 5 लाख रुपये पीले लिफाफे में गाड़ी की पिछली सीट पर रखे हैं। इसकी सूचना उमेश ने जिलाधिकारी और पुलिस अधिकारियों को दी थी।
गाड़ी में रुपये थे या नहीं?
लेखपाल भीमसेन गाड़ी लेकर सदर तहसील पहुंचा था। तभी मौके पर उसने पुलिस बुला ली। उसने गाड़ी खोलकर चेक करने की बात कही, लेकिन पुलिस ने गाड़ी नहीं खोली। इस दौरान आरोपी लेखपाल भीमसेन गाड़ी तहसील में छोडकऱ भाग गया। पुलिस गाड़ी को क्रेन से खींचकर थाना शाहगंज ले आई है। इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।
आरोपी लेखपाल का क्या कहना है?
आरोपी लेखपाल भीमसेन का कहना है कि वह दो साल से एत्मादपुर मदरा में पोस्टेट है। उसके भाई का मलपुरा में पेट्रोल पंप है। उसका बेटा मोहित चौधरी एडवोकेट है। होटल में उसने ये पैसे मुझे रखने के लिए दिए थे। ये उसके पैसे हैं। ये गाड़ी भी मेरी नहीं है। गाड़ी मेरे मिलने वाले की है। उसे कभी कभार चलाने के लिए मांग लेता हूं। उमेश उनसे पुरानी रंजिश मानता है। उमेश और उसके साथी ने बमरौली कटारा में ग्राम सभा की जमीन कब्जा ली है। इस मामले में उन्होंने केस दर्ज कराया था। इसी वजह से उमेश ने उनके खिलाफ षडयंत्र रचा है।
क्या होगा आगे?
फरेंसिक टीम के सामने गाड़ी खोली जाएगी। गाड़ी में रुपये मिले तो लेखपाल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया जाएगा। लेखपाल को गिरफ्तार किया जाएगा।