वाराणसी । वाराणसी जिले में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था के पुलिसिंग पर सवाल उठ रहे हैं। जंसा थाने के दारोगा को एंटी करप्शन टीम से एक लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया है। उसे गिरफ्तार कर केस दर्ज किया गया है।
जानकारी के मुताबिक जंसा थाने में तैनात अभिषेक वर्मा ने बेरुका क्षेत्र में रहने वाले अमजद से एक लाख रुपये घूस मांगी थी। अमजद के ऊपर जंसा थाने में जमीन विवाद में पड़ोसी को मारपीट कर घायल करने का आरोप है। जंसा पुलिस ने मामले में बलवा, मारपीट, धमकी आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। दारोगा अभिषेक वर्मा इसकी विवेचना कर रहा था। उन्होंने आरोपी अमजद से मामले में लगे धाराओं को कम करने के लिए उससे एक लाख रुपये की डिमांड की।
अमजद ने दारोगा अभिषेक वर्मा को 10 हजार रुपये दिये और शेष रुपये देने में असमर्थता जाहिर की। मगर दारोगा के द्वारा रुपये लेने के लिए दलाल के द्वारा दबाव डाला जाने लगा। इससे परेशान हो कर अमजद ने एंटी करप्शन ब्यूरो से संपर्क किया। जिसने दारोगा अभिषेक वर्मा को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए दबोच लिया।
एंटी करप्शन टीम के कहने पर अमजद के द्वारा दारोगा को दिनदासपुर स्थित लंगोटिया हनुमान मंदिर के पास बुलाया गया। टीम द्वारा अमजद को केमिकल लगा हुआ एक लाख रुपये दिया गया। इस दौरान, दारोगा अभिषेक वर्मा जैसे ही मंदिर के पास आया, अमजद ने उसे एक लाख रुपये की गड्डी पकड़ाई। तभी अचानक एंटी करप्शन टीम ने दारोगा को रिश्वत के रुपये लेते रंगे हाथ दबोच लिया।
एंटी करप्शन टीम दारोगा अभिषेक वर्मा को पकड़ कर रोहनिया थाने ले गयी। यहां उससे इस मामले को लेकर लंबी पूछताछ हुई। टीम ने दारोगा के खिलाफ भ्रस्टाचार में मुकदमा दर्ज किया और उसे रोहनिया पुलिस को सौंप दिया। यहां आरोपी दारोगा को पूरी रात सलाखों के पीछे गुजारनी पड़ी।
