राजू पाल मर्डर केस के मुख्य गवाह उमेश पाल हत्याकांड के बाद से पुलिस के एनकाउंटर से माफिया डॉन अतीक अहमद का बेटा अली अहमद बेहद डरा हुआ है। प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में बंद माफिया अतीक अहमद का बेटा अली अहमद सुरक्षा में तैनात जवानों और लंबरदारों से दिन में कई बार पूछता है कि अब किस को टपकाया गया है। दरअसल, उमेश पाल शूटआउट केस में शामिल दो अपराधियों को पुलिस ने अब तक एनकाउंटर में ढेर कर दिया है, जबकि अन्य आरोपियों की तलाश में बिहार, बंगाल, मध्य प्रदेश और राजस्थान में कई टीमें ताबड़तोड़ दबिश दे रही हैं।
मीडिया के अनुसार अब तक दो आरोपियों के मारे जाने के बाद से माफिया अतीक के बेटे अली अहमद को भी एनकाउंटर का डर सता रहा है। सुरक्षा में तैनात जवानों और लंबरदारों से दिन में कई बार पूछता है कि अब किस को टपकाया गया है। जेल की तनहाई बैरक में रखे गए अली अहमद ने उस्मान के एनकाउंटर के बाद से खाना एकदम कम कर दिया है। पिछले 3 दिनों से उसने पानी का सेवन बढ़ा दिया है। 2 एनकाउंटर के बाद से वह लगातार बेचैन नजर आ रहा है। सोते हुए भी वह अचानक उठकर चहलकदमी करने लगता है।
पिछले 3 दिनों में कई बार यह पूछ चुका है कि उसकी जेल तो नहीं बदली जा रही है। माफिया के बेटे अली अहमद को आशंका है कि जेल बदले जाने के नाम पर उसे यहां से निकालकर रास्ते में एनकाउंटर में मारा जा सकता है। वह बैरक में दिनभर गुमसुम सा बैठा रहता है। सुरक्षा में तैनात जवानों और लंबरदारों से सिर्फ शूटआउट केस में पुलिस एक्शन के बारे में पूछता रहता है। एनकाउंटर के डर से अली अहमद की नींद उड़ी हुई है।
उमेश पाल की हत्या के बाद अली अहमद को तनहाई बैरक में रख दिया गया है। 30 कैदियों की क्षमता वाली बैरक में अली को अकेले ही रखा गया है। इस बैरक में पहले से ही कई कैमरे लगे हुए थे। हफ्ते भर पहले एक कैमरा और बढ़ा दिया गया है। प्रॉपर्टी डीलर से 5 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने के मामले में दर्ज हुए मुकदमे में अली अहमद ने पिछले साल 30 जुलाई को प्रयागराज कोर्ट में सरेंडर किया था, तब से वह प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में ही बंद है।
शनिवार को अपने वकील से मुलाकात के दौरान भी वह अनावश्यक बातें कर रहा था। कानूनी राय लेने के बजाय उसकी दिलचस्पी शूटआउट केस में हो रही कार्यवाही के बारे में जानकारी लेने की थी। जेल के अधिकारी भी मान रहे हैं कि पिछले कुछ दिनों में अली अहमद के व्यवहार में जबरदस्त बदलाव आया है। अली को इस बात का डर है कि पुलिस जेल शिफ्टिंग के बहाने उसका एनकाउंटर कर सकती है।