आगरा: अब तक सिबिल स्कोर को सिर्फ लोन लेने के लिए जरूरी माना जाता था, लेकिन अब यह आपकी नौकरी पर भी असर डालने लगा है। खासतौर पर अगर आप बैंक या किसी वित्तीय संस्थान में नौकरी करने की सोच रहे हैं, तो सिबिल स्कोर (CIBIL Score) अब आपकी योग्यता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है।
बैंक जॉब की चाह रखने वाले युवाओं के लिए यह खबर किसी झटके से कम नहीं है, क्योंकि अब केवल पढ़ाई में अच्छे अंक लाने से काम नहीं चलेगा, बल्कि आपका वित्तीय व्यवहार (Financial Behavior) भी उतना ही जरूरी हो गया है।
अब सिबिल स्कोर से तय होगी नौकरी
पहले बैंकिंग सेक्टर में जॉब पाने के लिए सिर्फ परीक्षा पास करना और इंटरव्यू क्लियर करना काफी होता था। लेकिन अब बैंकों ने अपनी पॉलिसी में बदलाव किया है। अब जो भी उम्मीदवार सरकारी या प्राइवेट बैंक में नौकरी के लिए आवेदन करता है, उसका सिबिल स्कोर भी देखा जाता है।
इसका कारण स्पष्ट है – बैंक को ऐसे कर्मचारी चाहिए जो खुद भी वित्तीय तौर पर अनुशासित हों। अगर एक कर्मचारी खुद अपने लोन या बिल समय पर नहीं चुका पा रहा, तो बैंक उस पर कैसे भरोसा करेगा कि वह करोड़ों के कस्टमर ट्रांजेक्शन को जिम्मेदारी से संभालेगा?
न्यूनतम कितने सिबिल स्कोर की जरूरत?
आईबीपीएस (IBPS) की ओर से जो बैंक भर्ती परीक्षाएं कराई जाती हैं, उसमें अब 650 से कम सिबिल स्कोर वालों को नौकरी मिलने में दिक्कत हो सकती है। हालाँकि, यह नियम अभी सभी बैंकों पर लागू नहीं है, लेकिन धीरे-धीरे अधिकांश सरकारी बैंक इस नियम को फॉलो करने लगे हैं।
एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) जैसे बड़े बैंकों में अभी इस नियम की बाध्यता नहीं है, लेकिन भविष्य में वहाँ भी इस तरह की शर्तें आ सकती हैं। इसलिए, अगर आप बैंकिंग की तैयारी कर रहे हैं तो अब सिर्फ पढ़ाई पर नहीं, बल्कि अपने क्रेडिट बिहेवियर पर भी ध्यान देना ज़रूरी है।
जिनकी क्रेडिट हिस्ट्री नहीं, उनका क्या?
कई बार युवा उम्मीदवारों का कोई लोन रिकॉर्ड नहीं होता – न क्रेडिट कार्ड, न लोन, तो नतीजतन सिबिल स्कोर भी नहीं बन पाता। ऐसे में उन्हें बैंक से एनओसी (NOC – No Objection Certificate) लेना होगा। यह प्रमाण देता है कि उस व्यक्ति का बैंकों के साथ कोई विवाद नहीं है और उसका रिकॉर्ड साफ है। यदि कोई व्यक्ति यह NOC नहीं ला पाता या बैंक को संदेह होता है, तो उसे नौकरी देने से मना किया जा सकता है।
क्यों खराब होता है सिबिल स्कोर?
सिबिल स्कोर बिगड़ने की कई वजहें हो सकती हैं:
- लोन या EMI समय पर न चुकाना
- क्रेडिट कार्ड का बकाया समय पर न भरना
- किसी और के लोन में गारंटर बनना और उसका डिफॉल्टर हो जाना
- एक से ज्यादा बार लोन के लिए आवेदन करना
- गलत जानकारी या पहचान की चोरी (identity theft)
कैसे सुधारें सिबिल स्कोर?
अगर आपका स्कोर कम है तो घबराने की ज़रूरत नहीं। कुछ आसान आदतें अपनाकर आप इसे सुधार सकते हैं:
- सभी लोन और EMI समय से भरें।
- क्रेडिट कार्ड का उपयोग लिमिट से कम रखें।
- कम से कम 6 महीने तक लगातार अच्छा फाइनेंशियल बिहेवियर रखें।
- एक से ज़्यादा बार लोन के लिए अप्लाई न करें।
- अपने पुराने क्रेडिट अकाउंट्स को बिना वजह बंद न करें।
- नियमित रूप से अपनी सिबिल रिपोर्ट चेक करते रहें और गलतियों को तुरंत सुधारें।
जल्दी सुधारना है स्कोर? फिक्स्ड डिपॉज़िट पर सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड लेना एक बेहतरीन तरीका हो सकता है। इसका इस्तेमाल करके समय पर भुगतान करने से क्रेडिट हिस्ट्री बनती है और स्कोर में तेज़ सुधार दिखता है।
आगे और बढ़ेगा सिबिल स्कोर का महत्व
यह सिर्फ शुरुआत है। आने वाले समय में बीमा कंपनियाँ, फिनटेक स्टार्टअप, एनबीएफसी जैसी कंपनियाँ भी भर्ती से पहले सिबिल स्कोर चेक करेंगी। यानी आपकी फाइनेंशियल इमेज अब नौकरी की दुनिया में भी उतनी ही अहम हो गई है।
तो अब अगर आप बैंकिंग या फाइनेंस सेक्टर में करियर बनाने की सोच रहे हैं, तो सिबिल स्कोर पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है। यह सिर्फ एक नंबर नहीं बल्कि आपकी वित्तीय जिम्मेदारी का आईना बन गया है। अपने स्कोर को 700 से ऊपर बनाए रखें, और अगर अभी कम है तो सही कदम उठाकर सुधार शुरू करें। आज नहीं तो कल ये नंबर ही आपकी जॉब का फैसला करेगा।
