नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने लाखों छात्रों को बड़ी राहत देते हुए एक समय में दो डिग्रियां प्राप्त करने की बाध्यता खत्म कर दी है। यूजीसी ने अपने नियम में संशोधन किया है, जिसके बाद अब एक ही शैक्षणिक सत्र में प्राप्त दोनों डिग्रियां मान्य होंगी, चाहे वे रेगुलर या डिस्टेंस मोड में हों। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह नया नियम 2022 से पहले प्राप्त की गई एक साथ दो डिग्रियों पर भी लागू होगा।
यूजीसी का नया दिशानिर्देश: छात्रों के लिए बड़ी छूट
यूजीसी ने 2025 में अपने दिशानिर्देशों में संशोधन करते हुए यह ऐतिहासिक घोषणा की है। पहले, एक रेगुलर और एक डिस्टेंस डिग्री को एक साथ लेने की वैधता पर अक्सर भ्रम की स्थिति रहती थी और कई मामलों में इसे मान्यता नहीं दी जाती थी। इस फैसले से उन छात्रों को विशेष लाभ मिलेगा, जो एक साथ दो शैक्षणिक कार्यक्रमों को पूरा करना चाहते हैं।
कौन से छात्र उठा पाएंगे डुअल डिग्री का लाभ?
नए नियम के अनुसार, छात्र इन तीनों तरीकों से दो डिग्रियां हासिल कर सकते हैं:
- दोनों डिग्रियां रेगुलर मोड में (बशर्ते कक्षाओं का समय न टकराए)।
- एक डिग्री रेगुलर मोड में और दूसरी ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ODL) या ऑनलाइन मोड में।
- दोनों डिग्रियां डिस्टेंस या ऑनलाइन मोड में।
हालांकि, यह नियम डिप्लोमा, ग्रेजुएशन (UG) और पोस्ट ग्रेजुएशन (PG) पर लागू है, लेकिन पीएचडी और एमफिल कार्यक्रमों पर लागू नहीं होगा।
यूजीसी के नियमों का विकास
पहले यूजीसी के नियम काफी सख्त थे और एक साथ दो डिग्रियों को लेकर स्पष्टता का अभाव था।
- 2012 में: यूजीसी ने एक समिति गठित की थी, जिसने सुझाव दिया था कि एक रेगुलर डिग्री के साथ केवल एक अतिरिक्त डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स को डिस्टेंस मोड में लिया जा सकता है। दो रेगुलर डिग्रियों को एक साथ लेने की अनुमति नहीं थी।
- 2020 में: यूजीसी ने पहली बार अनुमति दी कि एक रेगुलर डिग्री के साथ एक डिग्री डिस्टेंस या ऑनलाइन मोड में ली जा सकती है, लेकिन दोनों रेगुलर डिग्रियों की अनुमति तब भी नहीं थी।
- 2022 में: यूजीसी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत नियमों में ढील दी और छात्रों को दो रेगुलर डिग्रियां एक साथ लेने की अनुमति दी, बशर्ते कक्षाओं का समय न टकराए। हालांकि, उस समय तक यह स्पष्ट नहीं था कि 2022 से पहले ली गई दो डिग्रियां मान्य होंगी या नहीं।
पहले की डिग्रियों को मिली मान्यता
नए दिशानिर्देशों ने पहले की एक साथ प्राप्त की गई दो डिग्रियों को मान्यता देने का महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब 2022 से पहले एक रेगुलर और एक डिस्टेंस डिग्री लेने वाले छात्रों की डिग्रियां वैध मानी जाएंगी। यह उन लाखों लोगों के लिए बड़ी राहत की खबर है, जिन्हें अपनी नौकरी या आगे की पढ़ाई में मान्यता को लेकर परेशानी हो रही थी।
यूजीसी का यह नया दिशानिर्देश भारतीय उच्च शिक्षा में एक क्रांतिकारी कदम है, जो छात्रों को अपनी शैक्षणिक और करियर लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करेगा। अधिक जानकारी के लिए, छात्र यूजीसी की आधिकारिक वेबसाइट ugc.ac.in पर जा सकते हैं।