मुंबई। अमूमन भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री की अभिनेत्रियां का फिल्मों में प्रोजेक्शन एक अभिनेत्री की बॉडी के मानकों से अलग ही रहा है। भोजपुरी फिल्मों में अभिनेत्रियां स्लिम-ट्रीम नहीं दिखती हैं। इस ट्रेंड को लेकर लोगों की कई तरह की धारणाएं हैं, लेकिन रानी चटर्जी बताती हैं कि इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि जिन इलाकों में भोजपुरी फिल्म की शूटिंग होती हैं, वहां जिम की व्यवस्था नहीं होती है, इसकारण वजन पर कंट्रोल कर पाना मुश्किल होता है।
इससे इतर रानी अपनी फिटनेस को लेकर हमेशा से सजग रही हैं, इसके बावजूद उनके करियर में इस तरह के कई मोड़ आए हैं, जहां फिल्मों से इसकारण निकाल दिया गया क्योंकि वहां एक्टर्स को ‘ओवरवेट’ लगी हैं। अपनी डायट रूटीन और वजन से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से रानी हमसे शेयर करती हैं।
मैं बहुत ज्यादा फिट या फिर ऐसी डायट पर यकीन नहीं करती जिसमें कार्ब्स या फाइबर ही न हो। जब भी मुझे वेट लॉस करना होता है, तब मैं हाई प्रोटीन डायट पर होती हूं। उस दौरान मैं बॉइल्ड चिकन, ग्रील्ड फिश, एग वाइट, पालक, सोयाबीन, ककड़ी, दही जैसी चीजों का सेवन करती हूं। वहीं जब मुझे वेट को मेंटेन करना होता है, तब उस वक्त मैं ग्राम के हिसाब से खाना खाती हूं। जैसे 100 ग्राम चावल के साथ 100 ग्राम दही ले लिया। मैं कार्ब्स के साथ वेजिटेबल, सलाद और दाल जरूर जोड़ती हूं। दाल मेरे डायट में हमेशा से होता है। वर्कआउट के दौरान मेरा हाई प्रोटीन डायट ही होता है।
जब मैं मुंबई में अपने घर पर होती हूं, तब मेरी एक्सरसाइज रूटीन बहुत अच्छी जा रही होती है। मैं 90 मिनट्स कार्डियो और हल्का सा वर्कआउट करती हूं। मैं ज्यादा हेवी वर्कआउट का लोड नहीं लेती हूं। बस कोशिश यही होती है, कि बॉडी टोन्ड रहे। हां, जब शूटिंग के लिए बाहर जाना होता है,तब उस वक्त फ्लोर वर्कआउट से ही काम चलाना होता है। दरअसल मेरी शूटिंग जिन इलाकों पर होती है, वहां न जिम की सुविधा होती है और न ही कोई खुला गार्डन मिलता है। तब होटल के रूम पर ही फ्लोर वर्कआउट करती हूं. इसके अलावा सीढ़ीयों पर क्रॉसफिट, बाल्टी उठाकर स्क्वाट करना, जंपिंग व माउंटेन जैक आदि एक्सरसाइज करती हूं।
अगर आपने छोले भटूरे, बिरियानी खाती हूं, तब फिर एक्सरसाइज से परहेज बिलकुल नहीं करती। मेरी रूटीन बहुत ही सिंपल है। मेरे दिन की शुरुआत ही ब्लैक कॉफी से होती है। दो एग वाइट खाकर मैं जिम जाती हूं। जिम में दो घंटे बिताती हूं। फिर घर आकर प्रोटीन लेती हूं, सब्स्टीट्यूट नहीं बल्कि ऑर्गैनिक प्रोटीन पर ज्यादा भरोसा है! पपाया मेरी रोजाना की फ्रूट में है! दोपहर में हाई प्रोटीन संग थोड़ा सा कार्ब्स ले लेती हूं। शाम को स्नैक्स में हल्का कुछ लेती हूं। बाहर निकलती हूं, तब कंट्रोल नहीं कर पाती, तब सैंडविज जरूर ले लेती हूं।