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कंगना रनौत को हुआ अपनी गलती का अहसास, अब पछ्ता रही, बोली नहीं करना चाहिए था ये काम

Manisha singh
4 Min Read
कंगना रनौत को हुआ अपनी गलती का अहसास, अब पछ्ता रही, बोली नहीं करना चाहिए था ये काम

कंगना रनौत ने ‘इमरजेंसी’ फिल्म के विवादों पर खुलकर किया बयान, डायरेक्शन के फैसले पर भी जताई चिंता

कंगना रनौत अपने बयानों और फिल्मों को लेकर अक्सर चर्चा में बनी रहती हैं, और उनकी आने वाली फिल्म ‘इमरजेंसी’ इन दिनों खासा सुर्खियों में है। इस फिल्म में कंगना न केवल मुख्य भूमिका निभा रही हैं, बल्कि उन्होंने इसका निर्देशन भी किया है। हाल ही में, कंगना ने फिल्म से जुड़े विवादों और उनके निर्देशन के अनुभवों पर विस्तार से बात की, और यह भी बताया कि फिल्म बनाने के दौरान उन्हें किस तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

फिल्म की रिलीज में देरी से डरी हुई थीं कंगना रनौत

कंगना ने बताया कि जब ‘इमरजेंसी’ को सेंसर बोर्ड (CBFC) से सर्टिफाई करने में काफी समय लगा, तो उन्हें डर था कि फिल्म की रिलीज में और भी देरी हो सकती है। कंगना ने कहा, “मुझे लगा कि फिल्म को थिएटर में रिलीज करना सही फैसला नहीं था। ओटीटी पर मुझे फिल्म के लिए बेहतर डील मिल सकती थी, और वहां मुझे सेंसरशिप से भी गुजरने की जरूरत नहीं होती।” कंगना के मुताबिक, CBFC बार-बार फिल्म के अच्छे सीन को हटाता जा रहा था, लेकिन उन्होंने यह भी बताया कि फिल्म को सिनेमाघरों में रिलीज करने के लिए सेंसरशिप से गुजरना जरूरी था।

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‘इमरजेंसी’ के निर्देशन पर कंगना ने जताई चिंता

कंगना रनौत ने अपनी डायरेक्टोरियल डेब्यू ‘इमरजेंसी’ के दौरान किए गए फैसलों पर भी अपनी चिंता जाहिर की। उन्होंने बताया कि उन्होंने फिल्म के निर्देशन के दौरान कई गलत विकल्प चुने। कंगना ने कहा, “जब मैंने इस फिल्म को डायरेक्ट करने का फैसला किया, तो मुझे लगा कि मैंने कई स्तरों पर गलत विकल्प चुने हैं। सबसे पहले, मैंने सोचा कि यह फिल्म बनाने का जोखिम मेरे लिए सही नहीं हो सकता था, खासतौर से जब कांग्रेस सरकार सत्ता में नहीं है। मेरी सोच थी कि यह फिल्म लोगों को श्रीमती गांधी के बारे में नई जानकारी देगी, लेकिन मुझे समझ में आया कि मैंने चीजों को कम आंका था।”

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कंगना ने यह भी कहा कि ‘इमरजेंसी’ फिल्म के जरिए वह श्रीमती इंदिरा गांधी के शासन के संघर्षों और उनके जीवन के एक अहम मोड़ को दर्शाना चाहती थीं, जो आज की पीढ़ी के लिए अज्ञात हो सकता है। वह चाहती थीं कि फिल्म दर्शकों को यह समझाने में मदद करे कि कैसे इंदिरा गांधी तीन बार प्रधानमंत्री बनीं और उनका राजनीतिक जीवन कैसे आकार लिया।

कंगना रनौत का आत्मविश्लेषण

कंगना ने अपने इस अनुभव से यह भी सीखा कि एक फिल्म डायरेक्टर के रूप में उन्हें और अधिक समझदारी से फैसले लेने चाहिए थे। कंगना ने कहा, “फिल्म बनाने के दौरान मैंने महसूस किया कि कुछ फैसले शायद मुझे पहले और अधिक सोच-समझ कर लेने चाहिए थे। हालांकि, यह फिल्म मेरे लिए एक सीखने की प्रक्रिया रही है, और मैं इस अनुभव को आगे अपने करियर में उपयोग करूंगी।”

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कंगना रनौत की ‘इमरजेंसी’ फिल्म को लेकर यह विवाद और उनके द्वारा की गई आत्ममूल्यांकन की बातें यह स्पष्ट करती हैं कि वह फिल्म इंडस्ट्री में एक स्वतंत्र और साहसी दृष्टिकोण से काम कर रही हैं। कंगना की यह फिल्म न केवल एक ऐतिहासिक घटना को दर्शाती है, बल्कि यह उनके लिए एक व्यक्तिगत और पेशेवर चुनौती भी थी। फिल्म की रिलीज के बाद ही यह तय होगा कि कंगना की कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प दर्शकों पर कितना प्रभाव डाल पाती है।

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Granddaughter of a Freedom Fighter, Kriya Yoga Practitioner, follow me on X @ManiYogini for Indic History and Political insights.
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