भारत में व्हाट्सएप (WhatsApp) के करोड़ों उपयोगकर्ता हैं, और कंपनी के हर एक अपडेट पर लोगों की नज़र रहती है। हाल ही में, व्हाट्सएप की पैरेंट कंपनी मेटा (Meta) को भारत में कॉम्पिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) के फैसले का सामना करना पड़ा, जिससे मेटा को व्हाट्सएप यूजर्स के डेटा को फेसबुक (Facebook) और इंस्टाग्राम (Instagram) के साथ शेयर करने से रोक दिया गया है। अब, मेटा को चेतावनी दी गई है कि वह अपनी डेटा शेयरिंग पॉलिसी में बदलाव करे, अन्यथा भारत में इसके कुछ फीचर्स को बंद करना पड़ सकता है।
क्या था CCI का फैसला?
CCI ने नवंबर 2024 में अपनी रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला कि मेटा ने गलत तरीके से यूजर्स का डेटा इस्तेमाल किया है। रिपोर्ट के अनुसार, मेटा ने व्हाट्सएप यूजर्स को एक नई प्राइवेसी पॉलिसी स्वीकार करने के लिए मजबूर किया था, जिसके तहत यूजर्स का डेटा मेटा के अन्य प्लेटफॉर्म्स, जैसे फेसबुक और इंस्टाग्राम के साथ शेयर किया जाता था। इस मामले में CCI ने मेटा पर 24.5 मिलियन डॉलर का जुर्माना भी लगाया और पांच साल तक डेटा शेयरिंग पर रोक लगा दी।
क्या असर पड़ेगा व्हाट्सएप के फीचर्स पर?
इस फैसले से मेटा के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि डेटा शेयरिंग पर रोक लगने के कारण मेटा को पर्सनलाइज्ड विज्ञापन देने में कठिनाई हो सकती है। मेटा ने अपनी अपील में कहा है कि व्हाट्सएप और मेटा के बीच डेटा शेयरिंग पर रोक लगाने से फेसबुक और इंस्टाग्राम पर सही तरीके से यूजर्स को टारगेट करने में परेशानी होगी। मेटा का कहना है कि उसका डेटा शेयरिंग पॉलिसी से डेटा कलेक्शन में कोई वृद्धि नहीं हुई है, बल्कि यह फीचर्स को बेहतर तरीके से इंटीग्रेट करने में मदद करती है। हालांकि, CCI ने इस तर्क से सहमति नहीं जताई है और व्हाट्सएप को अपनी पॉलिसी में सुधार करने का आदेश दिया है।
CCI की मांग
CCI का कहना है कि व्हाट्सएप की पॉलिसी ने यूजर्स को यह शर्तें मानने के लिए मजबूर किया है, और यह विकल्प नहीं दिया कि यूजर्स अपनी मर्जी से डेटा शेयर करें या नहीं। CCI चाहता है कि व्हाट्सएप यूजर्स को यह स्वतंत्रता दी जाए कि वे अपनी डेटा शेयरिंग सेटिंग्स को चुन सकें। यदि मेटा इस दिशा में सुधार नहीं करता, तो उसे अपने प्लेटफॉर्म्स पर कुछ फीचर्स को बंद करने की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
व्हाट्सएप के लिए क्या अगला कदम होगा?
मेटा के लिए यह फैसला एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है, क्योंकि भारत में व्हाट्सएप का इस्तेमाल बेहद व्यापक है। यदि मेटा को अपनी डेटा शेयरिंग पॉलिसी में बदलाव करना पड़ा तो इससे भारत में व्हाट्सएप की कार्यप्रणाली पर प्रभाव पड़ सकता है, और इससे जुड़े कई फीचर्स को बदलना पड़ सकता है।
मेटा और CCI के बीच चल रही यह कानूनी लड़ाई आने वाले दिनों में व्हाट्सएप उपयोगकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। व्हाट्सएप के फीचर्स और पॉलिसी में बदलाव से यूजर्स पर इसका क्या असर पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा। इस मामले की जांच आगे भी जारी रहेगी और इसके परिणाम भारत में व्हाट्सएप उपयोगकर्ताओं के अनुभव को प्रभावित कर सकते हैं।