Advertisement

Advertisements

सोशल मीडिया पर सरकार का सख्त एक्शन: कॉलर आईडी टैम्परिंग करने वाले ऐप्स और कंटेंट को हटाने का आदेश!

Dharmender Singh Malik
4 Min Read
सोशल मीडिया पर सरकार का सख्त एक्शन: कॉलर आईडी टैम्परिंग करने वाले ऐप्स और कंटेंट को हटाने का आदेश!

नई दिल्ली: सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों और एप्लिकेशन्स पर सख्ती बरतते हुए निर्देश जारी किए हैं कि ऐसे ऐप्स और कंटेंट को तुरंत हटा दिया जाए, जो कॉलर आईडी टैम्परिंग (CLI Spoofing) की सुविधा प्रदान करते हैं। यह कदम डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) ने उठाया है, जो अब से Google, Meta, Instagram, और X जैसे प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स को निर्देश दे रहे हैं कि वे ऐसे ऐप्स और कंटेंट को अपनी साइट्स से हटा दें, जो यूजर्स को कॉलर आइडेंटिटी बदलने की सुविधा देते हैं।

कॉलर आईडी टैम्परिंग (CLI Spoofing) क्या है?

कॉलर आईडी टैम्परिंग, जिसे CLI स्पूफिंग भी कहा जाता है, एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें टेलीकॉम यूजर्स अपनी कॉलर लाइन आइडेंटिटी को बदल सकते हैं। इसका मतलब यह है कि एक यूजर अपनी असली कॉलर आईडी को छिपा सकता है और किसी अन्य नंबर को दिखा सकता है। यह तरीके से किसी को धोखा देना, पब्लिक ट्रस्ट को कमजोर करना, और कई तरह की धोखाधड़ी के मामलों का सामना करना पड़ सकता है।

See also  अब नहीं चलेगी टेलीकॉम कंपनियों की मनमानी, ग्राहकों को मिलेगी राहत!; स्पैम कॉल से भी मिलेगा छुटकारा

DoT ने क्यों लिया यह कदम?

डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) ने यह एडवायजरी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के एक वायरल वीडियो के बाद जारी की है। इस वीडियो में दिखाया गया था कि कैसे कुछ टेलीकॉम यूजर्स अपनी कॉलर आईडी को बदल सकते हैं। इस तकनीक का इस्तेमाल करके वे किसी अन्य नंबर को अपनी कॉलर आईडी के रूप में दिखा सकते हैं, जिससे उनके असली नंबर को छुपा लिया जाता है।

इस तकनीकी छेड़छाड़ के कारण उपभोक्ताओं को धोखा देना और गलत जानकारी पहुंचाना आसान हो जाता है, जो कि काफी खतरनाक हो सकता है। खासकर, जब इसका उपयोग धोखाधड़ी या अपराध की गतिविधियों के लिए किया जाए।

DoT के निर्देश और कार्रवाई की चेतावनी

DoT के निर्देश के मुताबिक, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को 28 फरवरी तक अपने प्लेटफॉर्म्स से उन सभी ऐप्स और कंटेंट को हटा देना होगा, जो कॉलर आईडी टैम्परिंग या CLI स्पूफिंग की सुविधा प्रदान करते हैं। यदि इन नियमों का पालन नहीं किया जाता है, तो कंपनियों पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है। इसके तहत तीन साल तक की जेल और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

See also  10 मिनट के चार्ज में बैटरी चलेगी 400 किलोमीटर

DoT ने यह स्पष्ट किया है कि कोई भी ऐप्लिकेशन जो इस प्रकार की सेवा प्रदान करता है या इसे प्रमोट करता है, उसे अपराध माना जाएगा और उस पर कार्रवाई की जाएगी।

सरकार की यह पहल क्यों महत्वपूर्ण है?

यह कदम सरकार द्वारा ऑनलाइन धोखाधड़ी, टेलीमार्केटिंग के फर्जी कॉल्स और अन्य साइबर अपराधों के खिलाफ उठाया गया है। CLI स्पूफिंग के चलते उपयोगकर्ताओं को काफी नुकसान उठाना पड़ता है, और इसके जरिए धोखाधड़ी, स्कैम और अन्य आपराधिक गतिविधियों में वृद्धि होती है।

इसके साथ ही, सरकार का यह कदम डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करने के लिए भी महत्वपूर्ण है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ऐसे कंटेंट और ऐप्स का होना, जो यूजर्स की पहचान से छेड़छाड़ करते हैं, एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका था। इसीलिए अब इन प्लेटफार्म्स को सख्त नियमों के तहत संचालन करने का निर्देश दिया गया है।

See also  5G स्पीड, धांसू फीचर्स, बेस्ट प्राइस! Realme C65 5G के दीवाने हो जाएंगे आप!

28 फरवरी तक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के पास समय

डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को 28 फरवरी तक ऐसे ऐप्स और कंटेंट को हटा देने का आदेश दिया है। यदि किसी भी प्लेटफॉर्म ने इन नियमों का पालन नहीं किया, तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। ऐसे ऐप्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने डिजिटल सुरक्षा और सोशल मीडिया के संचालन के मामले में कड़े कदम उठाए हैं।

 

Advertisements

See also  TVS iQube: कंपनी लाई गजब का ऑफर, हर दिन ग्राहकों को मिलेगा फ्री इलेक्ट्रिक स्कूटर
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement