नई दिल्ली: ओपनएआई के नवीनतम GPT-4o मॉडल ने हाल ही में जालसाजी के मामले में चिंता बढ़ा दी है। कुछ उपयोगकर्ताओं ने पाया कि GPT-4o द्वारा बनाए गए दस्तावेज़, जैसे सरकारी पहचान पत्र, बिल्कुल वास्तविक दिखाई दे सकते हैं, जिससे साइबर अपराधियों द्वारा उनका दुरुपयोग करने का खतरा पैदा हो गया। इस बढ़ती चिंताओं के बाद, ओपनएआई ने इन दस्तावेज़ों को “नकली” के रूप में चिह्नित करने का फैसला किया है।
AI-Generated दस्तावेज़ों के खिलाफ कदम
ओपनएआई ने हाल ही में बैकएंड में बदलाव किए हैं, जिसके तहत GPT-4o द्वारा बनाए गए आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासपोर्ट जैसे दस्तावेज़ों को अब “सैंपल”, “ऑफिशियल यूज़ के लिए नहीं”, और “डेमो” के रूप में लेबल किया जा रहा है। हालांकि, यह लेबलिंग सभी AI-जनरेटेड दस्तावेज़ों के लिए लागू नहीं हो रही है। पिछले हफ्ते सोशल मीडिया पर इन जेनरेटेड दस्तावेज़ों की तस्वीरें वायरल हो गईं, जिससे जालसाजी की संभावना और इसके दुरुपयोग की चिंताएं बढ़ गईं।
फर्जी पहचान पत्र बनाने की संभावनाएं
इंडिया टुडे ने शुक्रवार को यह दिखाया कि कैसे GPT-4o का उपयोग करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सार्वजनिक हस्तियों के फर्जी पहचान पत्र बनाए जा सकते हैं। लेकिन सोमवार को उसी अनुरोध पर GPT-4o ने यह स्पष्ट किया कि “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे वास्तविक व्यक्ति के लिए एक वास्तविक आधार कार्ड बनाने में मदद नहीं कर सकता।”
इसी तरह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए पैन कार्ड बनाने के लिए कहे जाने पर, GPT-4o ने पहले इनकार कर दिया, लेकिन कुछ बदलाव करने पर उसने “सैंपल पैन कार्ड” बनाया। इसी प्रकार, बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के आधार कार्ड को “सैंपल / आधिकारिक उपयोग के लिए नहीं” के रूप में चिह्नित किया गया। यह लेबलिंग जालसाजी और पहचान की चोरी की आशंकाओं को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में सामने आई है।
चिंताएं और संभावित सुधार
GPT-4o में एआई-जनरेटेड दस्तावेज़ों के लिए सटीक लेआउट और डिज़ाइन का पालन नहीं किया जा रहा है। हालांकि, कुछ स्मार्ट बदलावों के साथ एआई अभी भी कवि कुमार विश्वास के लिए पैन कार्ड और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए आधार कार्ड बनाने में सक्षम है, जिससे GPT-4o के दुरुपयोग की संवेदनशीलता और सुधार की संभावनाएं उजागर हो रही हैं।
कैसे करें सत्यापन?
यूजर्स यह सत्यापित कर सकते हैं कि कोई आधार नंबर वास्तविक है या नहीं, इसके लिए वे यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं। पैन कार्ड की प्रामाणिकता को आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर चेक किया जा सकता है।