नई दिल्ली: साइबर अपराधों के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, और उनमें से एक प्रमुख अपराध है Deepfake Scams। फेक वीडियो और ऑडियो के जरिए लोगों को धोखा देने वाले ये स्कैम्स पिछले कुछ समय में तेजी से बढ़े हैं। लेकिन अब, इस समस्या का समाधान लेकर आई है दुनिया की प्रमुख एंटीवायरस सॉफ्टवेयर कंपनी McAfee। McAfee ने भारत में Deepfake Detector नामक एक AI-पावर्ड टूल लॉन्च किया है, जो कि Deepfake वीडियो और ऑडियो की पहचान कर सकेगा और यूजर्स को तुरंत सचेत करेगा।
McAfee Deepfake Detector का क्या है फायदा?
McAfee का यह नया टूल AI तकनीक का उपयोग करता है और बेहद कम समय में किसी भी वीडियो या ऑडियो में की गई छेड़छाड़ का पता लगा सकता है। कंपनी का दावा है कि यह टूल कुछ सेकेंड्स के भीतर यूजर्स को संभावित साइबर स्कैम्स से सचेत कर सकता है। इस तकनीकी समाधान का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह यूजर्स के PCs पर काम करता है और प्राइवेसी को पूरी तरह से सुरक्षित रखते हुए वीडियो और ऑडियो की जांच करता है।
इस टूल के जरिए McAfee Deepfake वीडियो के मामलों को जल्दी से डिटेक्ट कर सकता है, जो कि हाल ही में बढ़ते साइबर अपराधों की एक बड़ी वजह बने हैं।
Deepfake स्कैम्स के बढ़ते मामले
McAfee के रिसर्च के अनुसार, रोज़ाना 4.7 मिलियन से ज्यादा Deepfake वीडियो तैयार किए जाते हैं। बीते साल के दौरान करीब 66% साइबर स्कैम्स Deepfake वीडियो के जरिए किए गए थे। Deepfake तकनीक का इस्तेमाल धोखाधड़ी और गलत सूचनाएं फैलाने के लिए किया जा रहा है, जिससे न केवल व्यक्तिगत नुकसान हो रहा है, बल्कि समाज में भी गलत सूचना का प्रसार हो रहा है।
McAfee का कहना है कि वह AI-आधारित तकनीक के साथ काम करने वाली प्रमुख कंपनियों के साथ मिलकर इस खतरनाक समस्या का समाधान कर रहा है, और अब भारत में McAfee Deepfake Detector के लॉन्च से इन स्कैम्स से बचने के लिए एक मजबूत कदम उठाया गया है।
किसे मिलेगा इसका फायदा?
McAfee Deepfake Detector अब भारत में उपलब्ध है, और फिलहाल चुनिंदा यूजर्स इस टूल का इस्तेमाल कर सकते हैं। McAfee ने इस टूल को प्रशिक्षित किया है ताकि यह Deepfake वीडियो को बहुत कम समय में पहचान सके। यह टूल यूजर्स को अपनी डिवाइस पर एक सुरक्षित अनुभव प्रदान करता है और उन्हें संभावित धोखाधड़ी से बचाता है।
ऑन-डिवाइस काम करेगा यह टूल
McAfee ने इस टूल को NPU (Neural Processing Unit) का उपयोग करके डिज़ाइन किया है, जो इसे ऑन-डिवाइस पर ही काम करने में सक्षम बनाता है। इसका मतलब है कि यूजर्स की प्राइवेसी पूरी तरह से सुरक्षित रहती है क्योंकि सभी प्रोसेसिंग डिवाइस के भीतर ही होती है। इसके अलावा, यह तकनीक बैटरी लाइफ पर भी नकारात्मक प्रभाव नहीं डालती और बिना स्पीड को प्रभावित किए काम करती है।
McAfee Smart AI Hub – एक और महत्वपूर्ण कदम
इसके साथ ही, McAfee ने McAfee Smart AI Hub भी लॉन्च किया है। यह हब Deepfakes, AI Scams और साइबर सुरक्षा के बारे में यूजर्स को शिक्षा प्रदान करेगा। इस हब के तहत यूजर्स को कुछ महत्वपूर्ण टूल्स भी मिलेंगे, जो उन्हें AI-आधारित धोखाधड़ी और Deepfake वीडियो की पहचान करने में मदद करेंगे।
क्या है Deepfake Scam और क्यों है यह खतरनाक?
Deepfake टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल वीडियो और ऑडियो क्लिप्स में असली व्यक्ति के चेहरों और आवाजों को बदलने के लिए किया जाता है, ताकि किसी व्यक्ति की पहचान या बातों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा सके। यह धोखाधड़ी, झूठी जानकारी फैलाने, या यहां तक कि ब्लैकमेलिंग के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसलिए, इस तकनीक को पकड़ने के लिए McAfee जैसे टूल्स का इस्तेमाल बेहद जरूरी है।
McAfee का यह AI-powered Deepfake Detector भारत में साइबर सुरक्षा के मोर्चे पर एक महत्वपूर्ण कदम है। यह टूल यूजर्स को Deepfake वीडियो और AI scams से बचने में मदद करेगा और उनके डेटा और प्राइवेसी को सुरक्षित रखेगा। इस तकनीकी समाधान का उपयोग कर यूजर्स साइबर धोखाधड़ी से बच सकते हैं और इंटरनेट पर सुरक्षित रूप से काम कर सकते हैं।
अब, McAfee के इस टूल के साथ भारत में Deepfake स्कैम्स पर नियंत्रण पाया जा सकेगा, और यूजर्स को फर्जी वीडियो और ऑडियो के खतरे से राहत मिल सकेगी।