नई दिल्ली: यूट्यूब ने अपनी सख्त कंटेंट नीतियों के तहत अक्टूबर से दिसंबर 2024 के बीच लगभग 9.5 मिलियन (95 लाख) वीडियो अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिए हैं। यूट्यूब की कार्रवाई में सबसे बड़ा योगदान भारत का रहा, जहां से लगभग 3 मिलियन (30 लाख) वीडियो डिलीट किए गए।
यूट्यूब की सख्त नीतियां और कंटेंट मॉडरेशन
यूट्यूब अपनी सख्त कंटेंट पॉलिसी के लिए जाना जाता है, जिसमें हेट स्पीच (घृणास्पद भाषण), उत्पीड़न, हिंसा और गलत जानकारी फैलाने वाले वीडियो पर प्रतिबंध लगाया जाता है। दर्शकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, यूट्यूब एआई-पावर्ड डिटेक्शन सिस्टम और ह्यूमन मॉडरेटर्स का उपयोग करता है। इससे हानिकारक सामग्री को बड़ी संख्या में दर्शकों तक पहुंचने से पहले ही हटा दिया जाता है।
बच्चों की सुरक्षा उल्लंघन के कारण हटाए गए सबसे ज्यादा वीडियो
यूट्यूब द्वारा हटाए गए वीडियो में सबसे बड़ी संख्या बच्चों की सुरक्षा से जुड़े उल्लंघनों की थी। आंकड़ों के अनुसार, 5 मिलियन (50 लाख) से अधिक वीडियो बच्चों के लिए हानिकारक पाए गए और उन्हें हटा दिया गया। इसके अलावा, हानिकारक या खतरनाक कंटेंट, उत्पीड़न, हिंसक सामग्री, स्पैम, भ्रामक जानकारी और फर्जी चैनलों को हटाने के कारण भी कई वीडियो हटाए गए।
4.8 मिलियन यूट्यूब चैनल भी हटाए गए
यूट्यूब ने सिर्फ वीडियो ही नहीं, बल्कि 4.8 मिलियन (48 लाख) चैनल भी डिलीट किए। इनमें अधिकांश चैनल स्पैम और धोखाधड़ी फैलाने के लिए बनाए गए थे। जब किसी चैनल को हटाया जाता है, तो उसके सभी वीडियो भी प्लेटफॉर्म से गायब हो जाते हैं। इस बड़े पैमाने पर की गई कार्रवाई में 54 मिलियन (5.4 करोड़) से अधिक वीडियो यूट्यूब से हटा दिए गए।
1.2 बिलियन (120 करोड़) कमेंट्स भी डिलीट
यूट्यूब ने अपने प्लेटफॉर्म से 1.2 बिलियन (120 करोड़) कमेंट्स भी डिलीट किए। इनमें से ज्यादातर स्पैम थे, जबकि कुछ कमेंट्स उत्पीड़न, हेट स्पीच (घृणास्पद भाषा) या धमकियों के कारण हटाए गए।
यूट्यूब की कोशिश: प्लेटफॉर्म को सुरक्षित बनाना
यूट्यूब लगातार अपने कंटेंट मॉडरेशन सिस्टम को सुधारने की कोशिश कर रहा है ताकि अनुचित और भ्रामक सामग्री प्लेटफॉर्म पर न फैले। भारत में सबसे अधिक वीडियो हटाए जाने से यह सवाल उठता है कि क्या कंटेंट क्रिएटर्स यूट्यूब की गाइडलाइंस का सही तरीके से पालन कर रहे हैं या नहीं।