-वृंदावन में शिफ्ट किये गये आगरा के दस कोरोना मरीज
-आगरा की एक कोरोना पाजिटिव महिला का नयति हास्पीटल में चल रहा है इलाज
-किडनी के मरीज के तौर पर आगरा के पारस हास्पीटल से नयति में रेफर हुई थी महिला
मथुरा। पडोसी जनपद अगरा में लगातार बढती कोरोना मरीजों की संख्या ने मथुरा में भी हलचल पैदा कर दी है। कान्हा की नगरी के लोग चिंतित हैं। आगरा जिले में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ने से हालातों को सम्हालने में अब दिक्कत आ रही है। कोरोना के मरीजों के आइसोलेशन में भी परेशानी आने लगी है। बृहस्पतिवार को आगरा से 10 मरीजों को वृन्दावन के केशव धाम स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शिफ्ट किया गया। इन मरीजों को लेकर रात करीब दस बजे एंबुलेंस वृंदावन के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंची।
बताया जा रहा है कि वृंदावन शिफ्ट किये गये सभी मरीज उन 19 मरीजों में शामिल हैं, जिनकी सैंपल रिपोर्ट बृहस्पतिवार सुबह आई थी। इनमें से सात एक ही अस्पताल के स्टाफ बताये जा रहे हैं। जिनमें तीन कमला नगर के हैं। दस मरीजों में दो महिला और आठ पुरुष हैं।
इसके अलावा आगरा की ही एक मरीज का इलाज नयति मेडिसिटी में चल रहा है। जिस कोरोना पाॅजिटिव महिला का इलाज नयति मेडसिटी में चल रहा है, इससे पहले वह आगरा के पारस अस्पताल भर्ती थी। ढोली खार की 65 वर्षीय महिला का किडनी की बीमारी का उपचार आगरा के पारस अस्पताल में चला था। नयति मेडसिटी अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि महिला को किडनी के मरीज के तौर पर ही यहां रेफर किया गया था।
नयति हास्पीटल में आने के बाद पता चला कि महिला कोरोना पाॅजिटिव है। नयति मेडसिटी को कोरोना के लिए संेटर भी बनाया गया है। इस समय यह महिला नयति मेडसिटी में ही भर्ती है। अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद आगरा के पारस हाॅस्पीटल को सील कर दिया गया है।
सीएमओ डा.शेर सिंह ने बताया कि आगरा से आये कोरोना के दस मरीजों को वृंदावन के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में एलवन फेसिलिटी में रखा गया है। स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना मरीज भर्ती होने के बाद एक एसीएमओ और चार वरिष्ठ चिकित्सकों समेत 22 स्वास्थ्य कर्मचारियों की ड्यूटी स्वास्थ्य केंद्र पर लगाई है। टीम में चिकित्सक, फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स, सफाई कर्मचारी शामिल हैं।
जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र ने बताया कि आगरा से आए 10 कोरोना मरीजों को वृंदावन के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम सभी के उपचार में जुटी है।
कोरोना मरीजों को वृंदावन लाने का साधु संतों ने किया विरोध
धर्म रक्षा संघ के प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक श्री भागवत मंदिर, गोपाल खार हुई। बैठक में गुरूवार की रात को करोना के 10 पाॅजिटिव मरीजों को वृन्दावन के केशव धाम स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करने पर रोष व्यक्त किया गया। धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय संयोजक आचार्य बद्रीश ने कहा कि आगरा जैसे महानगर में जहां हर प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं उसे छोड़कर वृन्दावन जैसे छोटे नगर में करोना के पॉजिटिव मरीजों को लाना प्रशासन का अविवेकपूर्ण निर्णय है। जल्द से जल्द इन मरीजों को वृन्दावन से बाहर अन्यंत्र कहीं ले जाना चाहिए। धर्म रक्षा संघ के अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने कहा कि हम लोग हर प्रकार से इस संकटकालीन परिस्थिति में प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं फिर भी वृन्दावन के साथ इस प्रकार की ज्यादती करना कि करोना के यहां पर एक भी मरीज ना होते हुए भी बाहर के मरीजों को वृन्दावन में लाकर भर्ती करना उचित नहीं है। बाहरी मरीजों के आने के कारण वृन्दावन में भी करोना महामारी के फैलने के आसार बन जाएंगे। धर्म रक्षा संघ प्रशासन के इस निर्णय के खिलाफ है। महंत मोहिनी बिहारी शरण ने कहा संपूर्ण संत समाज एवं वृन्दावनवासियों में इस निर्णय को लेकर घोर असंतोष का भाव है करोना के मरीजों को वृन्दावन लाने पर स्थानीय व्यक्तियों और संत समाज में रोष ब्याप्त है। श्रीदास प्रजापति एवं ब्रजकिशोर पचैरी भी उपस्थित थे।
सांसद जिलाधिकारी से भी की संतों ने बात
संतों ने इस मामले में सांसद हेमा मालिनी और जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र से भी बात की संतों का कहना है कि कोरोना मरीजों के आने से तीर्थनगरी में संक्रमण फैलने का खतरा है। इनका इलाज वृंदावन से बाहर होना चाहिए। कार्षि्ण नागेंद्र महाराज व महामंडलेश्वर नवल गिरि ने बताया कि जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही इन मरीजों को यहां से शिफ्ट कर दिया जाएगा।
सांसद हेमा मालिनी के प्रतिनिधि जनार्दन शर्मा के मुताबिक सांसद ने जिलाधिकारी और मंडलायुक्त से भी इस मामले में बात की है।