सिर्फ वियाग्रा खाने से प्रेग्‍नेंट हो गई 45 साल की महिला

Dharmender Singh Malik
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पहले डॉक्‍टरों ने खड़े कर दिए थे हाथ

सैन फ्रांसिस्को । अमेरिका में 45 साल की एक महिला जिसे डॉक्‍टरों ने प्रेग्‍नेंसी के लिए बूढ़ी करार दे दिया था। यहां तक कह दिया था कि वह कभी प्रेग्‍नेंट हो ही नहीं सकती, वह सिर्फ वियाग्रा खाने से प्रेग्‍नेंट हो गई। महिला सिर्फ प्रेग्‍नेंट ही नहीं हुई, एक बच्‍चे की मां भी बन गई है। उनका मानना है कि वियाग्रा उनकी सफलता की कुंजी थी।

अमेरिका के पेन्सिलवेनिया की रहने वाली 48 साल की कैरिन रॉकिंड अपने 52 वर्षीय पति जोश क्लूर से शादी के बाद से बच्‍चे के लिए ट्राई कर रही थीं। पांच साल तक दोनों ने कोशिश की लेकिन हर बार कोई कोई दिक्‍कत आ जाती थी। दो बार गर्भपात भी हुआ। तब लगा कि सबकुछ खत्‍म हो गया। फिर दोनों ने आईवीएफ आजमाने का फैसला किया। सिर्फ एक बार में इस ट्रीटमेंट पर 40,000 डॉलर यानी तकरीबन 33 लाख रुपये का खर्च किया।

इसके लिए उन्‍हें कर्ज लेना पड़ा। एक फ्रेंड से 10000 डॉलर उधार लेना पड़ा। कैरिन ने 26 साल के एक शख्‍स के एग्‍स लिए। लेकिन भ्रूण नहीं बन पाया। और यह कोशिश फेल हो गई।इसी बीच कैरिन को यू टयूब वीडियो मिला, जिसमें एक महिला ने दावा किया कि उसने वियाग्रा का उपयोग किया था। पुरुषों के लिए बनाई गई इस दवा से उसके गर्भाशय के अस्तर को विकसित करने में मदद मिली।

एक अन्‍य महिला की सास ने कहा कि उसने भी अपनी बहू के लिए इसका प्रयोग किया और कुछ ही हफ्तों बाद प्रेग्‍नेंट हो गई। कैरिन ने कहा-मैं पहले से काफी दुखी थी। क्‍योंकि 2 बार गर्भपात के बाद डॉक्‍टरों ने कह दिया था कि बच्चा पैदा करने के लिए ‘बहुत बूढ़ी’ हो चुकी हूं। लेकिन मैं प्रेग्‍नेंट होना चाहती थी। मुझे भरोसा था कि मैं ऐसा कर सकती हूं। इसके बाद मैंने भी यह तरीका अपनाने का फैसला किया।कैरिन ने बताया कि वह भी डॉक्‍टर के पास गईं और वियाग्रा के बारे में बताया। डॉक्‍टर ने साफ मना कर दिया। यहां तक कि हंसने लगे और कहा कि मैंने कभी इस तरह से काम करते नहीं देखा। लेकिन मैं नहीं मानी।

उसका इस्‍तेमाल किया और कुछ ही दिनों बाद मैं प्रेग्‍नेंट हो गई। मैं भी यह देखकर हैरान थी। नौ महीने बाद मेरा बच्‍चा मेरे हाथों में था। मेरा चमत्कारी बच्चा एक वियाग्रा उत्पाद है। ऐसा लगा कि हमारी सारी मेहनत रंग लाई है। यह चमत्‍कारिक बच्‍चा है।मालूम हो कि कई बार ऐसी अजीबोगरीब खबरें आ जाती हैं, जिन्‍हें पढकर दिमाग चकरा जाता है। हम सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि ऐसा भी हो सकता है क्‍या?

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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