नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर रूसी तेल आयात के मुद्दे को लेकर एक और बड़ा बयान दिया है। भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने के कुछ ही घंटों बाद, उन्होंने और भी “सेकेंडरी सैंक्शन” लगाने की धमकी दी है। इस कदम को भारत की विदेश नीति के खिलाफ अमेरिका की एक आक्रामक प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।
“अभी तो 8 घंटे ही हुए हैं,” बोले ट्रंप
एक रिपोर्टर ने जब ट्रंप से पूछा कि चीन जैसे अन्य देश भी रूसी तेल आयात करते हैं, तो सिर्फ भारत पर ही अतिरिक्त टैरिफ क्यों लगाया गया, इस पर ट्रंप ने जवाब दिया, “अभी तो सिर्फ 8 घंटे हुए हैं। देखते रहिए क्या होता है। आपको और भी बहुत कुछ देखने को मिलेगा… आपको कई सेकेंडरी सैंक्शन देखने को मिलेंगे।”
ट्रंप ने अपने बयान में चीन पर भी प्रतिबंध लगाने की बात कही, लेकिन अभी तक उस पर कोई कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने कहा, “हमने भारत पर 50% टैरिफ लगाया है, जो रूसी तेल खरीदने में चीन के बाद दूसरे स्थान पर है।”
भारत पर 50% का बेसलाइन टैरिफ
राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत से आयात होने वाले सामानों पर पहले 30 जुलाई को 25% टैरिफ की घोषणा की थी, जो 7 अगस्त से लागू हो गया है। इसके बाद, 6 अगस्त को एक और 25% अतिरिक्त टैरिफ का ऐलान किया गया, जो 21 दिन बाद यानी 27 अगस्त से प्रभावी होगा। इस तरह भारत पर कुल 50% का बेसलाइन टैरिफ लागू हो जाएगा। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि भारत द्वारा रूसी तेल खरीदना बंद करने से इनकार करना अमेरिका की “राष्ट्रीय सुरक्षा” का मामला है।
भारत ने फैसले को बताया ‘अनुचित और अन्यायपूर्ण’
भारत ने अमेरिकी फैसले की कड़ी निंदा की है। विदेश मंत्रालय (MEA) द्वारा जारी बयान में इस कदम को “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण” करार दिया गया है। भारत ने स्पष्ट किया कि उसका कच्चा तेल आयात बाजार पर आधारित है और इसका उद्देश्य 140 करोड़ नागरिकों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना है। सरकार ने कहा कि यह फैसला भारत की ऊर्जा सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों के खिलाफ है।
बयान में यह भी कहा गया है कि दुनिया के कई देश अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर ऐसे ही फैसले ले रहे हैं। ऐसे में, केवल भारत को निशाना बनाना “अनुचित, अन्यायपूर्ण और बेबुनियाद” है। भारत सरकार ने दोहराया है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगी।
यह पहली बार है जब ट्रंप ने रूस के व्यापारिक साझेदारों पर “सेकेंडरी टैरिफ” लगाने का कदम उठाया है। इस घटनाक्रम ने भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और कूटनीतिक संबंधों में एक नया तनाव पैदा कर दिया है।