कनाडा: खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा की अदालत ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया सुप्रीम कोर्ट ने चार आरोपियों को जमानत दे दी है, जो इस हत्या के मामले में शामिल थे। यह फैसला कनाडा सरकार के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि इस मामले में आरोपियों पर पहले डिग्री मर्डर और हत्या की साजिश रचने का आरोप था। अब इस मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी 2025 को होगी।
निज्जर मर्डर केस
यह मामला जून 2023 का है, जब कनाडा के सरे शहर में एक गुरुद्वारे के बाहर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) का प्रमुख था और भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त था। उसकी हत्या के बाद कनाडा सरकार और भारत सरकार के बीच राजनयिक तनाव और विवाद बढ़ गया। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सार्वजनिक रूप से भारत सरकार के एक एजेंट पर आरोप लगाया था, जो निज्जर की हत्या में संलिप्त था, जबकि भारत ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था।
हत्या के आरोप में गिरफ्तार आरोपी
निज्जर की हत्या के बाद, 18 जून 2023 को चार आरोपियों—करन बरार, कमलप्रीत सिंह, करनप्रीत सिंह और अमनदीप सिंह—को गिरफ्तार किया गया था। इन चारों पर हत्या और हत्या की साजिश रचने का आरोप था। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में तीन भारतीय नागरिक हैं, जो कनाडा के एडमॉन्टन में रह रहे थे।
- करन बरार (22 वर्ष)
- कमलप्रीत सिंह (22 वर्ष)
- करनप्रीत सिंह (28 वर्ष)
इन तीनों आरोपियों को ‘K ग्रुप’ के नाम से भी जाना जा रहा है, क्योंकि इन तीनों के नाम ‘K’ अक्षर से शुरू होते हैं। इन आरोपियों का कनाडा में आना 2021 में हुआ था, और वे टेंपरेरी वीजा पर कनाडा पहुंचे थे, लेकिन इनमें से किसी ने भी कनाडा में पढ़ाई नहीं की।
ट्रूडो का भारत पर आरोप
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 2023 में निज्जर की हत्या के मामले में भारत सरकार पर आरोप लगाया था कि भारत के एक एजेंट ने इस हत्या को अंजाम दिया। ट्रूडो ने कनाडा संसद में कहा था कि इस मामले में भारत सरकार का हाथ हो सकता है, लेकिन भारत ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा था कि यह पूरी तरह से निराधार है। इस बयान के बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में कड़ा तनाव देखने को मिला।
भारत ने तब कनाडा के प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी पर खालिस्तानी आतंकवादियों को समर्थन देने का आरोप लगाया था। वहीं, कनाडा के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जोडी थॉमस ने जनवरी 2024 में यह कहा था कि भारत कनाडा के साथ सहयोग कर रहा है और निज्जर की हत्या की जांच में शामिल है।
हरदीप सिंह निज्जर: खालिस्तानी आतंकी और उसका इतिहास
हरदीप सिंह निज्जर एक प्रमुख खालिस्तानी आतंकी था और खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) का प्रमुख था। वह कई वर्षों से कनाडा में रह रहा था और भारत के खिलाफ खालिस्तानी आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा था। भारतीय जांच एजेंसियों के अनुसार, निज्जर ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गों को विदेशों में वित्तीय मदद और आपूर्ति दी थी। भारत ने उसे आतंकवादी घोषित कर रखा था और उस पर 10 लाख रुपये का इनाम भी रखा था।
2010 में, निज्जर पर पंजाब के पटियाला में हुए एक बम विस्फोट में शामिल होने का आरोप था। इसके बाद वह भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन गया। भारत ने उसे आतंकी घोषित करते हुए उसकी गिरफ्तारी के लिए कई प्रयास किए, लेकिन वह कनाडा में रहते हुए अपनी गतिविधियों को जारी रखे हुए था।
आगे की सुनवाई और फैसले
अब इस मामले में 11 फरवरी 2025 को अगली सुनवाई होगी, जहां कोर्ट आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई पर फैसला ले सकती है। कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के बावजूद, इस मामले में कनाडा सरकार को बड़े पैमाने पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, खासकर उस समय जब भारत और कनाडा के बीच इस हत्या को लेकर गंभीर राजनीतिक विवाद चल रहा है।