समलैंगिक विवाह को संरक्षण देने वाले विधेयक को मंजूरी

Dharmender Singh Malik
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बाइडेन ने गे मैरिज बिल पर लगाई मुहर

वाशिंगटन। अमेरिका के दोनों सदनों से मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गे मैरिज बिल पर अपनी मुहर लगा दी। इसके बाद अब अमेरिका में समलैंगिक शादियां लीगल होंगी। मालूम हो कि बीते दिनों अमेरिकी संसद के निचले सदन ‘प्रतिनिधि सभा’ ने भी समलैंगिक विवाह को संरक्षण देने वाले विधेयक को आखिरकार अंतिम मंजूरी दे दी थी।

संसद के ऊपरी सदन ‘सीनेट’ में पहले ही इसे मंजूरी मिल चुकी थी। इस तरह इस विधेयक ने कानून का रूप ले लिया। इस गे मैरिज बिल पर हस्ताक्षर करने के बाद जो बाइडेन ने ट्वीट किया और कहा ‘आज काफी अच्छा दिन है। आज समानता की दिशा में अमेरिका ने एक और कदम बढ़ाया है। यह कदम स्वतंत्रता और न्याय की ओर न केवल कुछ लोगों के लिए बल्कि सभी के लिए हैं। क्योंकि आज मैंने मैरिज बिल पर हस्ताक्षर किया है।’

व्हाइट हाउस के साउथ लॉन में जो बाइडेन ने कहा कि यह कानून नफरत के सभी रूपों के खिलाफ एक झटका है और इसीलिए यह कानून हर एक अमेरिकी के लिए मायने रखता है। राष्ट्रपति जो बिडेन को समलैंगिक विवाह कानून पर हस्ताक्षर करते हुए देखने के लिए मंगलवार की दोपहर में हजारों लोगों की जश्न मनाने वाली भीड़ उमड़ी थी।राष्ट्रपति जो बाइडेन का इस विधान पर हस्ताक्षर करना और इस तरह समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देना अमेरिका के इतिहास में बड़ा कदम है।

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राष्ट्रव्यापी मान्यता के लिए दशकों लंबे संघर्ष की दिशा में यह एक बड़ा कदम है जो सामाजिक रुख में बड़े बदलाव को दर्शाता है। यह उन हजारों युगल के लिए राहत की बात है जिन्होंने 2015 में उच्चतम न्यायालय के उस फैसले के बाद शादी रचाई है जिसमें इन विवाहों को वैध ठहराया गया था। लेकिन ये युगल फैसले को पलट दिये जाने की आशंका के कारण चिंतित थे।

बीते दिनों इस विधेयक के पक्ष में मतदान के बाद जो बाइडेन ने इस विधान को यह सुनिश्चित करने के लिहाज से ‘महत्वपूर्ण कदम’ करार दिया था कि अमेरिकियों के पास अधिकार होगा कि वह अपनी पसंद के व्यक्ति से विवाह करें। उन्होंने कहा था कि इस विधान ने देशभर के लाखों युवाओं को गरिमा और उम्मीद प्रदान की है जो यह जानते हुए बड़े हो सकते हैं कि वे जिस परिवार का निर्माण करेंगे उसे उनकी सरकार मान्यता और सम्मान देगी।

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‘प्रतिनिधि सभा’ में विधेयक को 169 के मुकाबले 258 मतों से पारित किया गया था जिसमें रिपब्लिकन के 39 वोट शामिल हैं। यह विधेयक अंतरजातीय संघों को भी संरक्षण प्रदान करेगा जिसके तहत राज्यों के लिए लिंग नस्ल प्रजाति और मूल राष्ट्रीयता से परे वैध विवाह को मान्यता देना आवश्यक होगा।

आगामी जनवरी में पद से हट रहीं प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने कहा था कि यह जादू है यह विधेयक प्रेम और आजादी की शानदार विजय है। एलजीबीटीक्यू समुदाय पर किये गये हिंसक हमलों के बीच गुरुवार को मतदान हुआ था। इसके पहले कोलोराडो स्थित समलैंगिक नाइट क्लब में गोलीबारी के दौरान पांच लोगों की मौत हो गई थी और कम से कम 17 लोग घायल हो गये थे।

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सार्वजनिक रूप से खुद को समलैंगिक घोषित करने वाले पहले सीनेटर बाल्डविन समलैंगिकों के अधिकार के लिए करीब चार दशक से संघष कर रहे हैं। बता दें कि महीनों तक विचार-विमर्श के बाद संसद के ऊपरी सदन सीनेट ने पिछले हफ्ते इस विधेयक को पारित किया था जिसमें 12 रिपब्लिकन ने वोट दिया था।डेमोक्रेट ने सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद तेजी से विधेयक को प्रतिनिधि सभा और सीनेट में पेश किया था।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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