वैज्ञानिक शोध के लिए दी थी डेड बॉडी, उड़ा ‎दिए ‎चिठड़े

Dharmender Singh Malik
4 Min Read

वैज्ञा‎निक शोध के ‎लिए प‎ति की देह का दान करने के बाद उसे प्लेन क्रेश की जांच में टेस्ट करने इस्तेमाल ‎किया गया। जब यह मामला मृतक की पत्नी के संज्ञान में आया तो उसके क्रंदन का ‎ठिकाना ही नहीं रहा और पश्चाताप करते हुए इस अनहोनी घटना को लेकर अपने प‎ति से माफी मांगती रही।

दसअसल अमेरिका में मरने से पूर्व देह दान कर एक व्यक्ति ने ऐसा ही किया था मगर जब उसकी पत्नी को उसकी लाश की स्थिति के बारे में पता चला तो वो फूट-फूटकर रोने लगी। कई बार कुछ लोग मरने से पहले ही अपना शरीर ऑर्गन डोनेशन के लिए दे जाते हैं. कुछ लोग उसे विज्ञान के हवाले भी कर देते हैं, मगर ऐसा करने के बाद लाश की क्या हालत होती है, ये कोई नहीं जान पाता।

See also  दुबई में 4 साल से कार को बनाया घर, महिला की मदद के लिए आगे आया भारतीय समुदाय

जानकारी के अनुसार स्टीव हैंसेन नाम के एक शख्स ने तय किया था कि मरने के बाद वो अपने शरीर को डोनेट कर देगा. साल 2012 में उनकी मौत हुई थी. यूनिफॉर्म एनाटॉमिकल गिफ्ट एक्ट के तहत अमेरिका में अ‎धिकतर लोग ऐसा ही करते हैं जहां मरने से पहले व्यक्ति को या मरने के बाद उसके परिवारवालों को सूचित किया जाता है कि उसके शरीर का इस्तेमाल वैज्ञानिक रिसर्च या ऑर्गन डोनेशन के लिए किया जाएगा। बिना उनकी इजाजत के ऐसा नहीं किया जा सकता। जब‎कि इस मामले में ऐसा नहीं ‎किया गया।

लोगों को आशंका यह भी है ‎कि देश में बड़े पैमाने पर लाशों का एक बड़ा कारोबर चल रहा है और उनकी काला बाजारी होती है। इसके साथ ही मृतक के परिवारों को गुमराह किया जाता है और लाश को शोध या शिक्षा में इस्तेमाल करने की बात कहकर अन्य रुप में इस्तेमाल ‎किया जाता है।

See also  खतरे का संकेत! हमारी सोच से भी ज्यादा तेज ग‎ति से घूम रहा मंगल ग्रह

यह मामला भी कुछ ऐसा ही है। स्टीव की मौत लिवर सिरोसिस की वजह से हुई थी, इस वजह से डॉक्टरों ने उनके ऑर्गन नहीं डोनेट करने की बात कही थी। तब अस्पताल प्रशासन ने उनकी पत्नी जिल से कहा था कि वो शरीर को विज्ञान और शोध के लिए दे दें। जिल ने सोचा कि अगर उनके पति के शरीर से चिकित्सा के क्षेत्र में कोई उपलब्धि हासिल होती है तो ये बड़ी बात है।

उन्होंने ज्यादा शराब पीकर लिवर खराब किया था, लोगों को पता चलेगा कि शराब पीने से क्या होता है। लाश को बायोलॉजिकल रिसर्च सेंटर, एरिजोना में भेजा गया पर वहां से उसे डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस में बेच दिया गया। इस बारे में जिल को कोई जानकारी नहीं दी गई। जिल को काफी वक्त बाद पता चला कि उनके पति को एक प्लेन क्रैश टेस्ट में पुतले की तरह इस्तेमाल किया गया जिसमें विस्फोट में प्लेन को उड़ाना था। रिसर्च सेंटर के फाउंडर स्टीफन गोर ने उस बॉडी को बिना जिल की इजाजत के बेचा था। जिल को इस बारे में पता चला तो वो पूरी तरह से टूट गईं. वो बार-बार अपने मृत पति से माफी मांग रही थीं और पति के चीथड़े हो चुके शरीर के बारे में सोचकर ही उनकी रूह कांप जा रही थी।

See also  दांतों में पायरिया रोग होने पर न बरतें लापरवाही, कराएं इलाज-डॉ.आदित्य प्रकाश पाठक

See also  दांतों में पायरिया रोग होने पर न बरतें लापरवाही, कराएं इलाज-डॉ.आदित्य प्रकाश पाठक
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a comment

Leave a Reply

error: AGRABHARAT.COM Copywrite Content.