Advertisement

Advertisements

सीरिया में भूकंप के मंजर से आई तबाही, अब तक 1,500 मौतें

Dharmender Singh Malik
5 Min Read

अंकारा/दमिश्क । सीरिया युद्ध के कारण पहले ही बर्बादी की कगार पर था, लेकिन सोमवार की सुबह 4.17 बजे आए भूकंप ने यहां प्रलय जैसे हालात पैदा हो गए हैं। बड़े पैमाने पर लोगों की मौत हुई है। इस भूकंप के कारण सीरिया के इड्लिब में बड़ी तबाही दिखी है। लोग ठंड के मौसम में बेघर हो गए हैं। लोग अपने घरों के बाहर बिना किसी साधन के रहने को मजबूर हैं। तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 4 हजार 300 से अधिक हो गई है। दोनों पड़ोसी देशों में भारी बारिश और हिमपात के बीच बचाव दलों को पीड़ितों को मदद पहुंचाने और मलबे में दबे लोगों को निकालने में काफी परेशानी हो रही है।

मीडिया के अनुसार मंगलवार सुबह तक तुर्की में मरने वालों की संख्या 2,921 थी, जबकि सीरिया में 1,500। तुर्की के डिजास्टर एंड इमरजेंसी मैनेजमेंट अथॉरिटी (एएफएडी) के अनुसार कम से कम 15,834 लोग घायल हुए हैं, जबकि 7,840 लोगों को मलबे से जिंदा निकाला गया।

See also  महिला पेट शॉप से कुत्ते की जगह कुछ और ले आई, सच्चाई जान सदमे से उबर ही नहीं पा रही !

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एएफएडी ने यह भी कहा कि कम से कम 5,606 इमारतें नष्ट हो गई। कुल 14,720 लोग मदद पहुंचाने का काम कर रहे हैं जिसमें सैन्यकर्मी भी शामिल हैं।

तुर्की के दक्षिणी प्रांत कहरामनमारस में सोमवार सुबह 4.17 बजे विनाशकारी 7.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके कुछ मिनट बाद गजियांटेप प्रांत में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) ने कहा कि 7.8 तीव्रता के भूकंप का केंद्र गजियांटेप में नूरदगी से 23 किमी पूर्व में 24.1 किमी की गहराई में था। लगभग 1.30 बजे, 7.5 तीव्रता का एक और झटका कहरामनमारस में आया, जिसके बारे में अधिकारियों ने कहा कि यह आफ्टरशॉक नहीं था। पूरे दिन में 60 से अधिक झटके महसूस किए गए। मीडिया के अनुसार सीरिया में सरकार के नियंत्रण वाले इलाकों में कुल मिलाकर 711 मौतें दर्ज की गईं, जिनमें से ज्यादातर अलेप्पो, हमा, लताकिया और टार्टस के क्षेत्रों में दर्ज की गईं। आधिकारिक तौर पर सीरिया नागरिक सुरक्षा के रूप में जाना जाता है, विपक्ष-नियंत्रित क्षेत्रों में 740 मौतों की सूचना दी।

See also  भारत-कैनडा विवाद : जयशंकर, ब्लिंकन की मुलाकात के दौरान उभरने का संकेत

मीडिया के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि दोनों देशों में बचाव अभियान अभी भी जारी है। भूकंप के केंद्र के पास तुर्की के उस्मानिया शहर में भारी बारिश से बचाव कार्य प्रभावित हुआ। तबाही के बाद शहर में बिजली भी गुल है। भूकंप से तुर्की के तीन हवाई अड्डों को भी काफी नुकसान पहुंचा है, जिससे राहत और बचाव कार्य में कई चुनौतियां आ रही हैं। कई देशों ने प्रभावित क्षेत्र की मदद के लिए बचावकर्मियों को भेजा है और समर्थन की पेशकश की है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने तुर्की समकक्ष रेसेप तैयप एर्दोगन से बात की और हर संभव मदद देने का भरोसा दिया।

भारत ने 100 कर्मियों के साथ एनडीआरएफ की दो टीमें भेजी
भारत ने सोमवार को घोषणा की कि विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड और आवश्यक उपकरणों के साथ 100 कर्मियों वाली एनडीआरएफ की दो टीमें प्रभावित क्षेत्रों में गई हैं। आवश्यक दवाओं के साथ मेडिकल टीमें भी तैयार की जा रही हैं। तुर्की सरकार और अंकारा में भारतीय दूतावास और इस्तांबुल में महावाणिज्य दूतावास के तालमेल से राहत सामग्री भेजी जाएगी। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल ने बचाव दल और आपातकालीन चिकित्सा सामग्री तुर्की भेजने का आदेश जारी किया। यूरोपीय संघ तुर्की में खोज और बचाव दल भेज रहा है, जबकि नीदरलैंड और रोमानिया के बचावकर्मी पहले से ही रवाना हो चुके हैं। ब्रिटेन ने कहा है कि वह 76 विशेषज्ञ, उपकरण और खोजी कुत्ते भेजेगा। फ्रांस, जर्मनी और इजराइल ने भी मदद करने का वादा किया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तुर्की और सीरिया दोनों को मदद की पेशकश की है। ऑस्ट्रेलिया ने 10 मिलियन डॉलर की सहायता राशि तुर्की को देने का वादा किया है।

Advertisements

See also  महिला पेट शॉप से कुत्ते की जगह कुछ और ले आई, सच्चाई जान सदमे से उबर ही नहीं पा रही !
See also  ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान पस्त: भारत के आगे सरेंडर, अमेरिका से गिड़गिड़ाकर मांग रहा हथियार
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement