वाशिंगटन। अमेरिका के मशहूर उद्यमी विवेक रामास्वामी ने पिछले सप्ताह ही अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव-2024 में लड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने एक संबोधन में कई बड़ी और साहसिक घोषणाएं कीं। रामास्वामी ने कहा कि अगर वो अमेरिका के प्रेसिडेंट बनते हैं तो उन सभी अमेरिकी कंपनियों पर प्रतिबंध लगा देंगे, जो चीन के साथ व्यापार कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी प्राथमिकताओं में शिक्षा विभाग और एफबीआई समेत 10 एजेंसियां हैं, जिन्हें वे खत्म कर देंगे। रामास्वामी ने ऐसा प्रस्ताव क्यों दिया है, जिसकी अमेरिका में खूब चर्चा हो रही है।
शनिवार को एक संबोधन में भारतीय मूल के अमेरिकी बिजनेसमैन विवेक रामास्वामी ने कहा कि मुझे लगता है कि ईमानदार होना महत्वपूर्ण है। अगर हम चीन से स्वतंत्रता की घोषणा करना चाहते हैं, तो इसका मतलब है कि हमें सीसीपी (चीनी कम्युनिस्ट पार्टी) के गिरने तक या सीसीपी तक चीन में व्यापार करने से अधिकांश अमेरिकी व्यवसायों पर प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार रहना होगा। इसके अलावा रामास्वामी ने एफबीआई के साथ 10 एजेंसियों और शिक्षा विभाग को खत्म करने का भी प्रस्ताव दिया है। रामास्वामी के इस प्रस्ताव पर अमेरिका में खूब चर्चा हो रही है।
रामास्वामी ने अपने संबोधन में कहा कि मैं पहले ही पिछले हफ्ते कह चुका हूं। पहली एजेंसी जिसे हम बंद करेंगे वह अमेरिकी शिक्षा विभाग है। इसके अस्तित्व को बचाने का कोई कारण नहीं है। न ही कभी यह अस्तित्व में नहीं होना चाहिए था। ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका के लोगों का अपना कोई अस्तित्व नहीं है। आज अमेरिकी अपनी पहचान खो रहा है। हमें ऐसे शिक्षा विभाग की जरूरत नहीं है, जो हमारे लोगों की जिंदगी न सुधार सके।
रामास्वामी ने आगे कहा कि मैं दूसरी सरकारी एजेंसी एफबीआई की घोषणा करने के लिए भी तैयार हूं जिसे मैं इस देश में बंद कर दूंगा। हमें इसे कम से कम 60 साल पहले करना चाहिए था। इसने रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स को समान रूप से आहत किया है। हम इसे अंत में पूरा करने जा रहे हैं। यह अमेरिका में एफबीआई को बंद करने और इसकी जगह लेने के लिए कुछ नया बनाने का समय है, क्योंकि हम जे एडगर हूवर की विरासत के साथ काम कर रहे हैं, ताकि इसे फिर से एक स्वशासी राष्ट्र बनाया जा सके।