नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ लेने के बाद से ही अमेरिकी सरकार ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। ट्रंप प्रशासन ने अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे प्रवासियों की शिनाख्त करना शुरू कर दिया है, और उन्हें उनके देशों में वापस भेजने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। हाल ही में खबर आई है कि अमेरिकी मिलिट्री प्लेन से 205 अवैध प्रवासी भारतीयों को वापस भारत भेजा जा रहा है।
अमेरिकी मिलिट्री प्लेन से भारत वापसी
सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सामने आई है कि अमेरिकी C-147 मिलिट्री प्लेन ने सैन एंटोनियो, अमेरिका से उड़ान भरी है, और यह प्लेन भारत में अवैध रूप से रह रहे 205 भारतीय प्रवासियों को लेकर आ रहा है। यह प्लेन लगभग छह घंटे पहले उड़ान भर चुका है और अब यह भारतीय प्रवासियों को उनके देश वापस लाने के लिए यात्रा कर रहा है।
बताया जा रहा है कि यह मिलिट्री प्लेन अमृतसर में लैंड कर सकता है, हालांकि इस खबर की आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं की गई है। सूत्रों का यह भी कहना है कि प्लेन रिफ्यूलिंग के लिए जर्मनी में कुछ समय के लिए रुक सकता है, और फिर अपनी यात्रा जारी रखेगा।
अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन प्रोग्राम
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिका ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ सबसे बड़े डिपोर्टेशन प्रोग्राम की शुरुआत की है। इस प्रोग्राम के तहत, ट्रंप प्रशासन ने अवैध प्रवासियों को उनके मुल्क वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रिपोर्टों के अनुसार, पिछले हफ्ते ब्लूमबर्ग ने यह जानकारी दी थी कि भारत और अमेरिका के बीच लगभग 18,000 अवैध भारतीय प्रवासियों की शिनाख्त की गई है, जो अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं।
भारत और अमेरिका के बीच बातचीत
इस बीच, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की थी और अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर चर्चा की थी। दोनों देशों के बीच इस समस्या को हल करने के लिए निरंतर बातचीत हो रही है, और यह बैठक इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
ट्रंप के कदम से क्या होगा भारत में प्रभाव?
ट्रंप द्वारा अवैध प्रवासियों के खिलाफ उठाए गए कदम का भारत पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है। यदि अवैध प्रवासियों की संख्या में वृद्धि होती है, तो इससे भारतीय परिवारों और उन लोगों की स्थिति पर असर पड़ेगा, जो पहले से ही अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे हैं। इन प्रवासियों की वापसी से भारत सरकार को अपनी नीति में सुधार करने के लिए काम करना होगा, ताकि भविष्य में इस तरह की समस्याओं से बचा जा सके।