भारत: अमेरिकी राष्ट्रपति के निवास स्थान व्हाइट हाउस पर हमले की साजिश रचने के मामले में भारतीय मूल के 19 वर्षीय कंडुला साईं वर्षित को आठ साल की सजा सुनाई गई है। साईं वर्षित का परिवार भारत के तेलंगाना राज्य से संबंधित है। 2023 में हुए इस घटना ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा और सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गई।
अमेरिकी अदालत का फैसला
अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि साईं वर्षित का उद्देश्य नाजी विचारधारा के साथ लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को उखाड़ फेंकना था। अमेरिकी जज डेबनी फ्रेडरिक ने कहा कि साईं ने खुद स्वीकार किया था कि उसने जरूरत पड़ने पर राष्ट्रपति जो बाइडेन को मारने का इरादा किया था। इस घटना में व्हाइट हाउस के नजदीक ट्रैफ़िक बैरियर को नुकसान हुआ था, जिसकी कीमत लगभग 3.74 लाख रुपये आई।
घटना की पूरी जानकारी
अदालती दस्तावेजों के मुताबिक, साईं वर्षित ने 22 मई 2023 को सेंट लुइस, मिसौरी से वाशिंगटन डीसी के लिए यात्रा की थी। उसने एक ट्रक किराए पर लिया और रात 9:35 बजे व्हाइट हाउस के उत्तरी हिस्से में स्थित ट्रैफ़िक बैरियर से टक्कर मारी। बाद में उसने ट्रक को पीछे की ओर मोड़ लिया और दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दौरान वहां अफरातफरी मच गई।
नाजी झंडा और नारेबाजी
साईं वर्षित ने व्हाइट हाउस के पास नाजी झंडा लहराते हुए ट्रक से बाहर आकर नारेबाजी की। वहां मौजूद सुरक्षा अधिकारियों ने तत्काल उसे गिरफ्तार कर लिया। जांच के दौरान यह सामने आया कि यह हमला राष्ट्रपति जो बाइडेन की हत्या के लिए एक पूर्व नियोजित प्रयास था।
साजिश की योजना
सूत्रों के मुताबिक, साईं वर्षित छह महीनों से इस हमले की योजना बना रहा था। सीक्रेट सर्विस एजेंटों ने बताया कि पूछताछ के दौरान उसने अपने इरादों को स्वीकार किया और माना कि वह लोकतांत्रिक व्यवस्था को खत्म करने के लिए यह कदम उठा रहा था।
भारत में हड़कंप
इस घटना के बाद से भारत में भी हड़कंप मच गया है। भारतीय नागरिक होने के कारण यह मामला राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है। भारत सरकार ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया है कि ऐसे कृत्य के लिए कड़ी सजा दी जाए।
सजा के बाद की स्थिति
साईं वर्षित को आठ साल की सजा सुनाई गई है, लेकिन इस फैसले के बावजूद सुरक्षा एजेंसियों को चिंता है कि ऐसे हमले भविष्य में भी हो सकते हैं। अब सवाल यह उठता है कि क्या इस घटना के बाद अमेरिका की सुरक्षा नीति और कड़ी होगी।